देहरादूनः रजिस्ट्रार ऑफिस में जमीनों के दस्तावेजों से छेड़छाड़ का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मामले में देहरादून बार एसोसिएशन ने मंगलवार को कोर्ट में काम न करने की घोषणा की. साथ ही सीएम पुष्कर सिंह धामी से पूरा मामला सीबीआई को सौंपने की मांग की है.
दरअसल, देहरादून में सरकारी और खाली जमीनों के मामले में जांच कर रही एसआईटी ने दो वकीलों के साथ अन्य 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वकीलों पर हुई कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार का कहना है कि पुलिस केवल वकीलों को निशाना बना रही है. जबकि, मामले में रजिस्ट्रार ऑफिस के अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हो रही. बिना अधिकारियों के कैसे जमीनों के दस्तावेजों में छेड़छाड़ हुई? यह बड़ा सवाल है.
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उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि क्लेमेनटाउन में घटी कोठी पर बुलडोजर मामले में मुख्य आरोपी केपी सिंह को पुलिस क्यों शरण दे रही है? जबकि, केपी सिंह ही रजिस्ट्रार ऑफिस मामले का मुख्य आरोपी है. अगर पुलिस जल्द सही से कार्रवाई नहीं करती तो वकील सड़कों पर उतर कर पुलिस मुख्यालय और मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे.
देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार ने आरोप लगाया है कि रजिस्ट्रार कार्यालय में बैनामों से छेड़छाड़ मामले में अब तक 9 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. जिसमें पीआरडी का जवान और वकील का का रोल है. वकील के पास कोई भी आ सकता है. वकील कागज देखकर काम करते हैं और वकील की ओर से ही पैरवी की जाती है.
सबसे कमजोर कड़ी और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को दबाने का काम किया जा रहा है. वो अधिकारी कहां हैं, जिन्होंने इन पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं. कोई वकील की ओर से दाखिल खारिज नहीं किए जा सकते हैं. उस समय के तत्कालीन तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एसडीएम, एसडीएम प्रशासन पर शिकंजा क्यों नहीं कसा जा रहा है?
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