देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना काल में हर वर्ग और हर तबके पर आर्थिक संकट गहराया है. वही, उत्तराखंड परिवहन निगम भी इन दिनों भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है. निगम की आर्थिक स्थिति मौजूदा समय में बेहद ही खराब है. निगम के पास कर्मचारियों को पिछले 4 महीने की वेतन और अन्य देनदारी के लिए पैसा नहीं है. जिसे देखते हुए अब परिवहन निगम ने चालक, परिचालक उत्पादकता बढ़ाए जाने और बस संचालन के लिए प्रति किमी व्यय कम करने को लेकर बड़ा निर्णय लिया है.
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परिवहन निगम के संचालन महाप्रबंधक दीपक जैन द्वारा जारी आदेश में निगम बस संचालन में क्रू का ओवरटाइम शून्य कर दिया गया है. यानी अब ओवर टाइम करने वाले चालक परिचालकों को अतिरिक्त ड्यूटी की प्रतिपूर्ति डीआर (ड्यूटी विश्राम) के माध्यम से की जाएगी. इसके साथ ही अतिरिक्त डीआर देने के संबंध में तमाम दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं.
डीआर देने के संबंध में दिशा निर्देश
- अप्रैल 2020 के बाद बस संचालन के फलस्वरूप कोई अतिकाल देए नहीं होगा.
- मार्ग की प्रकृति एवं दूरी अनुसार निर्धारित मानक से अधिक संचालन करने पर अतिरिक्त ड्यूटी की प्रतिपूर्ति डीआर के माध्यम से की जाएगी.
- एक दिन में मैदानी मार्गों पर 280 किलोमीटर, पर्वतीय मार्गों पर 175 किलोमीटर और मिश्रित मार्गों पर 225 किलोमीटर प्रति दिन ड्यूटी करना अनिवार्य होगा.
- एक दिन में तय किलोमीटर से अधिक संचालन करने पर मैदानी मार्ग पर प्रति 40 किलोमीटर अतिरिक्त होने पर और पर्वतीय मार्ग पर प्रति 25 किलोमीटर अतिरिक्त होने पर एक घंटा अतिरिक्त ड्यूटी मान्य होगी.
- सामान्यता 4 घंटे की अतिरिक्त ड्यूटी एकत्र होने पर एक दिवस का डीआरडीए होगा.
- सामान्यता 24 घंटे के अतिरिक्त ड्यूटी पूर्ण होने पर अधिकतम डीआर दिया जाएगा.
- 48 घंटे के अंतर्गत ड्यूटी पूर्ण होने पर 2 दिन की ड्यूटी तथा अधिकतम 2 डीआर दिए जाएंगे.
- डिपो में सभी चालक-परिचालक को निर्धारित समय अंतराल पर सप्ताहिक रेस्ट देना होगा.
- चालक परिचालकों को भी समुचित विश्राम दिए जाने के लिए डीआर की व्यवस्था संविदा, विशेष श्रेणी, एजेंसी चालक परिचालकों पर भी लागू होगा.
- नियमित चालक/ परिचालकों की कार्य क्षमता बढ़ाई जाने के लिये यह आवश्यक होगा कि सामान्य परिस्थितियों में नियमित चालक/परिचालक का उपयोग दो या दो से कम डीआर वाली सेवाओं में ही किया जाए.