देहरादूनः उत्तराखंड सचिवालय प्रशासन ने सचिवालय संघ के सभी कार्यक्रमों को प्रतिबंधित कर दिया है. वहीं, बिना अनुमति के संघ द्वारा आयोजित किये गये शपथ ग्रहण समारोह को लेकर भी सचिवालय संघ के पदाधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है, जिसको लेकर एसीएस ने 7 दिनों के भीतर जवाब तलब किया है.
सचिवालय संघ चुनाव मतदान के दिन से ही विवादों में है, तो वहीं चुनाव में जीत कर आये सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी भी विवादों से बाहर निकलते नजर नहीं आ रहैं है. विगत 26 फरवरी को सचिवालय संघ के पदाधिकारियों द्वारा आयोजित किये गये शपथ समारोह को लेकर दीपक जोशी एक बार फिर से विवादों में फंसते नजर आ रहें हैं.
दरअसल, इस बार अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक तो सचिवालय परिसर में संघ के कार्यक्रमों में होने वाले शोरगुल और पोस्टर बैनर को लेकर पुराने आदेश का हवाला देते हुए एक बार फिर से इसे सचिवालय परिसर में पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है, तो वहीं सचिवालय प्रशासन यहीं पर नहीं रुका और 26 फरवरी को सचिवालय संघ द्वारा किये गये शपथ समारोह को लेकर कार्रवाई की भी बात आज जारी हुए आदेश में कही गई है.
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वहीं, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय संघ चुनाव के दौरान कार्मिक विभाग द्वारा दिए गये एक पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि सचिवालय में शोरगुल, लाउडस्पीकर इत्यादि के कार्यक्रम और पोस्टर-बैनर को लेकर साफ मनाही की गई थी, लेकिन उसके बावजूद भी सचिवालय में संघ पदाधिकारियों द्वारा आयोजित किये गये कार्यक्रम, जिसमें खूब जोर-जोर से स्पीकर बजे, सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए और मुख्यमंत्री की एक कॉन्फ्रेंस में भी बाधा उत्पन्न हुई. वहीं, इस कार्यक्रम को लेकर अब सवाल किये गये हैं. एसीएस राधा रतूड़ी ने इसे क्रमचारी आचरण नियमावली के उल्लघंन के साथ अनुशासनहीनता बताते हुए कार्रवाई की बात कही है और सचिवालय संघ के अध्यक्ष और महासचिव से 7 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है और स्पष्टीकरण ना आने की दशा में कड़ी कार्रवाई की बात कही है.