देहरादून: पतंजलि की कोरोनिल दवा पर लॉन्चिंग के कुछ घंटों बाद ही पेंच फंस गया. आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से कोरोनिल दवा की जानकारियां मांगी हैं. पूरे मामले में बोलते हुए आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि कोरोनिल दवा को लेकर पूरी दुनिया से पतंजलि के पास फोन आ रहे हैं. इसके साथ ही कई देश इस आयुर्वेदिक दवाई का क्लीनिकल ट्रायल खुद करने की बात कह रहे हैं, जो हमारे लिए गर्व की बात है.
दर्द बयां करते हुए आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि अपने ही देश के कुछ लोगों को पतंजलि की यह उपलब्धि हजम नहीं हो पाई. आलोचकों पर निशाना साधते हुए बालकृष्ण ने कहा कि जिनकी मानसिकता गुलामों वाली होती है, वे किसी भी चीज को सहजता से स्वीकार नहीं करते हैं. जब बाबा रामदेव ने योग शुरू किया था तब भी कुछ लोगों ने विरोध किया था. लेकिन कुछ समय बाद उन्हीं लोगों ने योग को अपनाया था.