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CBSE Result 2022: एजुकेशन हब देहरादून का खराब प्रदर्शन, शिक्षाविदों ने जताई चिंता

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Published : Jul 22, 2022, 9:00 PM IST

Updated : Jul 23, 2022, 2:36 PM IST

देशभर में स्कूली शिक्षा के लिए सबसे बेहतर माने जाने वाले देहरादून को 12वीं के परीक्षा परिणामों ने आईना दिखा दिया है. सीबीएसई में 12वीं का परिणाम आया तो हर कोई इस बात से हैरान था कि देहरादून रीजन देश के सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में शुमार रहा. परीक्षा परिणामों की हालत इतनी खराब है कि देश के 16 रीजन में से देहरादून 15वें पायदान पर है. यह रिपोर्ट उत्तराखंड के होनहार छात्रों के शानदार प्रदर्शन को हतोत्साहित करने के लिए नहीं है, बल्कि सीबीएसई, विद्यालयों और शिक्षकों के आत्मचिंतन के लिए है.

Dehradun Region Bad Performance
देहरादून रीजन की चिंता

देहरादूनःन केवल उत्तराखंड बल्कि, देशभर के विभिन्न राज्यों से स्कूली शिक्षा के लिए परिजन अपने नौनिहालों को देहरादून भेजते हैं. मकसद उस बेहतर शिक्षा को दिलवाना होता है, जिसके लिए देहरादून जाना जाता है, लेकिन सीबीएसई के 12वीं कक्षा के परिणामों पर आधारित यह रिपोर्ट ऐसे परिजनों की आंख खोलने वाली है. दरअसल, 12वीं का परीक्षा परिणाम निकला तो देश भर की तरह उत्तराखंड से भी छात्रों की खुशी की तस्वीरें सामने आई. उत्तराखंड के भी कई होनहार नौनिहालों ने प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया, लेकिन परीक्षा परिणाम पर दूसरा पहलू सीबीएसई का सामने आया है जो देहरादून रीजन की चिंता बढ़ाने वाला है.

बता दें कि इस बार परीक्षा परिणामों में देशभर का रिजल्ट 92.71% रहा. साल 2021 में इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम 99.37% था. अब बात उत्तराखंड की करें तो देहरादून देश के 16 रीजन में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले रीजन में शामिल है. देश के कुल 16 रीजन में से देहरादून का 15वां स्थान रहा. सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले प्रयागराज रीजन से महज 2% अधिक पाकर देहरादून पीछे से पहला स्थान पाने से बच गया.

एजुकेशन हब देहरादून का खराब प्रदर्शन

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गौर हो कि देहरादून रीजन में उत्तराखंड के 13 जिलों के साथ ही उत्तर प्रदेश के 8 जिले भी शामिल है. इन जिलों में संभल, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जिला शामिल है. दरअसल, साल 2013 में ही इलाहाबाद रीजन से अलग होकर देहरादून रीजन की स्थापना की गई थी. उस दौरान उत्तर प्रदेश के कई जिले इसमें शामिल थे, लेकिन बाद में क्षेत्रीय विद्यालयों की मांग पर यह वापस इलाहाबाद रीजन में शामिल कर लिया गया.

उधर, देहरादून रीजन में जिस तरह कर परिणाम रहा है. उसको लेकर शिक्षक भी चिंतित नजर आ रहे हैं और छात्र भी. इंटरमीडिएट परीक्षा में इस साल भाग लेने वाली छात्रा कहती है कि इस बार 2 टर्म में परीक्षाएं हुई. जिनमें पहले टर्म में प्रश्नपत्र काफी मुश्किल था, लेकिन दूसरे टर्म में प्रश्नपत्र के आसान आने से उन्होंने राहत की सांस ली थी.

देहरादून के खराब प्रदर्शन पर शिक्षाविदों ने जताई चिंताः शिक्षाविद दिनेश बड़थ्वाल कहते हैं कि वाकई सीबीएसई परीक्षा में देहरादून रीजन का जो परिणाम रहा है, वो चिंता पैदा करने वाला है और उस पर शिक्षकों के साथ ही तमाम विद्यालयों को भी चिंतन करने की जरूरत है.

Last Updated : Jul 23, 2022, 2:36 PM IST

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