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बाबा रामदेव का विवादित बयान, 'डबल डोज के बाद भी मर गए कई डॉक्टर, बनना है तो मेरी तरह बनो'

स्वामी रामदेव का एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके बाद हो सकता है कि स्वामी रामदेव की मुसीबत और बढ़ सकती है. बाबा रामदेव इस वीडियो में यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि 1000 से ज्यादा डॉक्टर वैक्सीन की डबल डोज लगाने के बाद मर गए हैं, जो अपने आपको ही नहीं बता पाए वो कैसी डॉक्टरी?

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Published : May 24, 2021, 3:32 PM IST

हरिद्वार: अभी हाल ही में स्वामी रामदेव का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वो ये कहते दिखाई दे रहे थे कि जितने लोग महामारी से मर रहे हैं, उसमें सबसे ज्यादा लोग अस्पताल में मर रहे हैं और वो भी एलोपैथिक दवाई खाकर. स्वामी रामदेव मंच से मोबाइल में एक संदेश पढ़ते हुए अपने भक्तों को यह बात कह रहे थे. इस पूरे मामले पर विवाद हुआ और देशभर के डॉक्टरों ने बाबा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया तो देश के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को भी कड़े शब्दों में बाबा रामदेव को पत्र लिखना पड़ा. अभी ये विवाद ठंडा भी नहीं हुआ था कि स्वामी रामदेव का एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके बाद हो सकता है कि स्वामी रामदेव की मुसीबत और बढ़ जाए.

डॉक्टरों की मौत पर रामदेव की विवादित टिप्पणी.

दरअसल, योग गुरू स्वामी रामदेव रोजाना सुबह लगभग 4:30 से 7:00 बजे तक पतंजलि योगपीठ और अन्य जगहों से अपने भक्तों को योग की क्रियाएं सिखाते हैं. इस दौरान वो देशभक्ति, राजनीति और आयुर्वेद से जुड़ी बातें और अपने भक्तों से करते रहते हैं. इसी दौरान बाबा रामदेव इस वीडियो में यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि 1000 से ज्यादा डॉक्टर वैक्सीन की डबल डोज लगाने के बाद मर गए हैं. जो अपने आपको ही नहीं बता पाए वो कैसी डॉक्टरी. वो डॉक्टर (टर्र-टर्र कहकर) शब्द का मजाक भी बना रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः बाबा रामदेव ने अपने बयान को लिया वापस, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पत्र के बाद जताया खेद

इस वीडियो का सही वक्त और तारीख तो अभी पता नहीं है लेकिन स्वामी रामदेव डॉक्टरों पर तंज कसते हुए ये जरूर कहते सुनाई दे रहे हैं कि डॉक्टर बनना है तो स्वामी रामदेव जैसा बनो, जिसके पास कोई डिग्री नहीं है लेकिन वो फिर भी वो सबका डॉक्टर हैं.

अभी थमा भी नहीं एलोपैथी विवाद

बता दें कि अभी दो दिन पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो का हवाला देते हुए भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने कहा था कि रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' है और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं बीमारी का इलाज करने में असफल रही हैं. आईएमए के अनुसार, रामदेव ने कहा कि 'एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है.'

भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने रामदेव के बयान को 'अज्ञानता भरी' टिप्पणी करार दिया था और मांग की थी कि कथित रूप से लोगों को भ्रमित करने और एलोपैथी दवाओं को 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' बताने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रामदेव को पत्र लिखकर उनसे विवादित बयान वापस लेने को कहा था.

वहीं, मामले को तूल पकड़ता देख हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने रामदेव की टिप्पणी से इनकार किया था और इसे 'गलत' बताया. पतंजलि योगपीठ ने एक बयान जारी कर टिप्पणी का खंडन किया था और कहा है कि 'यह स्पष्ट किया गया है कि वीडियो का संपादित किया गया संस्करण स्वामी जी द्वारा दिए जा रहे संदर्भ से अलग है.

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