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उषा नेगी ने अपने अनुभव साझा कर कहा- बेटियों को बनानी होगी एक अलग पहचान

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Published : Sep 9, 2019, 11:44 PM IST

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा उषा नेगी ने छात्राओं को प्रेरित किया. उन्होंने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या मामले में प्रदेश में सुधार आ रहा है. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ओ अभियान के चलते लोग जागरुक हो रहे हैं. साथ ही उन्होंने छात्राओं को अपनी खुद की अलग पहचान बनाने की बात कही.

छात्राओं को संबोधित करतीं उषा नेगी

देहरादून: केंद्र सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत लगातार देश की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में देहरादून के लक्खीबाग स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा उषा नेगी की मौजूदगी में विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

छात्राओं को संबोधित करतीं उषा नेगी

बता दें कि सोमवार को बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बच्चों के संरक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसकी अध्यक्षता कर रही उषा नेगी ने छात्राओं को बताया कि राजस्थान में रहते हुए उन्होंने कई तरह से महिलाओं और बच्चियां का शोषण होते हुए देखा है. उन्होंने कहा कि वहां कई बच्चियां जबरन बाल विवाह का शिकार हो रही थी. वहीं कई महिलाएं सती प्रथा के चलते मौत के मुंह में ढकेली जा रही थीं. ऐसे में उन्होंने राजस्थान से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के दौरान ही समाज की इन कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाने की ठान ली थी.

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वहीं उषा नेगी ने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या मामले में प्रदेश में सुधार आ रहा है. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ओ अभियान के चलते लोग जागरुक हो रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि बेटियों को अपनी खुद की अलग पहचान बनानी चहिए. जिससे बेटी ना पालने वाली मानसिकता रखने वाले लोगों को सबक मिल सके.

बता दें कि जून 2019 को स्वास्थ्य मंत्रालय के हेल्थ मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम ने जन्मदिन के अनुपात की रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट के अनुसार साल 2015 में उत्तराखंड में जन्म लिंगानुपात की दर प्रति 1000 पर 906 यानी एक हजार लड़कों के जन्म पर 906 बच्चियां जन्म ले रही थी. वहीं 2019 में लिंगानुपात की दर 906 से बढ़कर 938 तक पहुंच गई है.

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