देहरादून:उत्तराखंड में बदहाल हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था पर अटल आयुष्मान के आंकड़ों ने भी मुहर लगा दी है. योजना पर बहरुपिया सरकार के दावे पहाड़ों पर झूठे साबित हो रहे हैं. दरअसल, जिस योजना को पूरे प्रदेश के लिए लागू किया गया. उस अटल आयुष्मान योजना का लाभ पहाड़ों पर लोगों को नहीं मिल पा रहा है.
राज्य की सबसे बड़ी चिंता या तो स्वास्थ्य सुविधाओं की है, या फिर शिक्षा और रोजगार की. इससे इतर इन समस्याओं से मुंह मोड़े त्रिवेंद्र सरकार अटल आयुष्मान जैसी योजना पर खुद की ही पीठ थपथपाती दिखाई देती है लेकिन क्या इस योजना का लाभ पहाड़ों के लोग ले पा रहे हैं, हरगिज नहीं. आज भी लोगों को अपनी गंभीर बीमारियों के लिए पथरीली सड़क पर मैदानों का रुख करना पड़ रहा है. ऐसा हम नहीं बल्कि सरकारी आंकड़े इस बात की चीख-चीखकर तस्दीक कर रहे हैं.
जानकर आप हैरान हो जाएंगे कि अटल आयुष्मान योजना के तहत लाभ लेने वाले मरीजों में 70 % लोग मैदानों के अस्पतालों में इलाज करवाते हैं. जबकि 13 में से 9 पहाड़ी जिले वाला राज्य थोड़ी भी गंभीर बीमारी में अपने नागरिकों को पहाड़ पर स्वास्थ्य सुविधा नहीं दे पा रहा है. ये सरकार की विफलता नहीं तो और क्या है कि अबतक हुए 90 हजार अटल आयुष्मान केस में 70 हजार से ज्यादा मरीज मैदानों में ही इलाज करवा रहे हैं.