देहरादून: विकासनगर में बाड़वाला जगतग्राम स्थित अश्वमेघ यज्ञ स्थल को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया. अब तक राष्ट्रीय स्मारक घोषित न होने के कारण पुरातत्व विभाग इस स्थल की सही ढंग से देखभाल नहीं कर पा रहा था. यहां पर लोगों के आने के लिए किसी तरह के मार्ग की भी कोई व्यवस्था नहीं थी.
67 साल बाद राष्ट्रीय स्मारक घोषित, क्या अब बदलेगी अश्वमेध यज्ञ स्थल की तस्वीर?
67 साल के लंबे इंतजार के बाद विकास नगर के जगतग्राम बाड़वाला स्थित अश्वमेध यज्ञ स्थल को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा हासिल हुआ. राष्ट्रीय स्मारक घोषित होने के स्थानीय लोग इस स्थल की तस्वीर बदलने की उम्मीद कर रहे हैं.
अश्वमेध प्राचीनकालीन एक यज्ञ का नाम है. अश्वमेध मुख्य रूप से एक राजनीतिक यज्ञ था और इसे वही सम्राट कर सकते थे, जिसका आधिपत्य अन्य सभी नरेश मानते हो लेकिन, विकास नगर के बाड़वाला जगतग्राम स्थित अश्वमेघ यज्ञ स्थल की आज तक देखरेख नहीं की गई.
कहा जाता है कि इस साम्राज्य का सबसे महत्वपूर्ण काल तीसरी शताब्दी का है, जब इस राज्य पर शील बर्मन नामक परम शक्तिशाली राजा राज करते थे. उन्होंने ही जगत ग्राम में चार अश्वमेघ यज्ञ किए थे.
स्थानीय निवासियों ने उम्मीद जताते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्मारक घोषित होने के बाद यहां की तस्वीर जरुर बदलेगी. साथ ही यहां पर पर्यटकों के आने से स्थानीय लोगों को रोजगार हासिल होगा.