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कोरोना से जितेगा इंडिया: जान हथेली पर लेकर लोगों तक पहुंच रहे कोरोना फ्रंटियर, 30 हजार लोगों का हो चुका है सर्वे

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Published : Apr 19, 2020, 8:18 PM IST

Updated : Apr 19, 2020, 9:13 PM IST

कोरोना से जंग लड़ने के लिए राज्य सरकार हर तरह से मुस्तैद नजर आ रही है. इसी के साथ ही राजधानी में स्वास्थ्य कर्मियों को आशा वर्कर की भी पूरी मदद मिल रही है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने आशा वर्कर से बातचीत कर उनकी परेशानियां जानी.

corona frontier asha worker,आशा वर्कर की कोरोना में मदद
कोरोना से जंग.

देहरादून:कोरोना से जंग जीतने के लिए प्रदेश सरकार पूरा प्रयास कर रही है. प्रशासन द्वारा लोगों का घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है. इसी के चलते देहरादून में भी आशा वर्कर की मदद से पूरे शहर का सर्वे किया जा रहा है. कोरोना से जंग लड़ने में मुख्य भूमिका निभा रहे स्वास्थ्य कर्मियों में से एक आशा वर्कर भी हैं. जो अपनी जान जोखिम में डाल इस वक्त कोरोना से जंग लड़ने में मदद कर रही हैं.

कोरोना से जंग.

बता दें कि, केंद्र सरकार की जारी गाइडलाइन के मुताबिक देहरादून को भी रेड जोन में रखा गया है. वहीं, भगत सिंह कॉलोनी और कारगी ग्रांट कॉलोनी को कोरोना संक्रमित मरीजों के पाए जाने की वजह से सील किया गया है. प्रशासन द्वारा यहां कोरोना संक्रमण को सीमित करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है.

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आशा वर्कर ने बताया कि बीती 5 तारीख से उन्होंने देहरादून के 30 हजार लोगों का सर्वे कर लिया है. इस सर्वे में वो लोगों के घर-घर जाकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रही हैं. इसके साथ ही उनकी ट्रैवल हिस्ट्री, संक्रमण की संभावना और अन्य जरूरी जानकारियां भी जुटाई जा रही हैं.

उनका कहना है कि लोग अपनी जानकारियां छुपाते हैं, कई बार उन्हें मोहल्ले में घुसने नहीं दिया जाता है. साथ ही उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है. जिसे लेकर उनके साथ होमगार्ड और पुलिसकर्मियों की भी ड्यूटी लगाई गई है.

Last Updated : Apr 19, 2020, 9:13 PM IST

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