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देहरादून में आशा फैसिलिटेटरों ने भरी हुंकार, सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, रैली निकालकर किया विरोध प्रदर्शन - Asha facilitators opened front against government

आशा फैसिलिटेटरों ने आज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. देहरादून में विरोध प्रदर्शन करते हुए संगठन ने डीएम कार्यालय तक रैली निकालकर अपना आक्रोश जताया. आशा फैसिलिटेटरों ने सरकार से नियत न्यूनतम मानदेय प्रतिमाह दिये जाने, फील्ड में कार्य करने के लिए यात्रा भत्ता दिये जाने की भी मांग की.

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देहरादून में आशा फैसिलिटेटरों ने भरी हुंकार

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Published : Apr 26, 2023, 1:08 PM IST

Updated : Apr 26, 2023, 2:46 PM IST

देहरादून में आशा फैसिलिटेटरों ने भरी हुंकार

देहरादून:अपनी मांगों को लेकर प्रदेश की आशा व आशा फैसिलिटेटर आक्रोशित हैं. जिसे देखते हुए आज इन्होंने अपनी लंबित मांगों को लेकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क से जिलाधिकारी कार्यालय तक रैली निकाली. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. इसके साथ ही आशा फैसिलिटेटर और आशाओं ने अपनी मांगों को लेकर जिला प्रशासन को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी प्रेषित किया

आशा फैसिलिटेटरों ने सरकार से 20 दिन की मोबिलिटी के बजाय 30 दिन की स्थाई ड्यूटी और निश्चित मानदेय दिए जाने की मांग उठाई है. संगठन प्रदेश महामंत्री रेनू नेगी ने कहा आशा फैसिलिटेटर राज्य सरकार के अधीन वर्ष 2005 से अपनी सेवाएं देती आ रही हैं, जबकि, प्रदेश में 11086 से आशाओं का मार्गदर्शन आशा फैसिलिटेटरों द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा आशा फैसिलिटेटर स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने, टीकाकरण के अलावा क्षेत्रीय जनता और महिलाओं को स्वास्थ्य एवं प्रसव के बारे में जागरूक करती आ रही हैं, लेकिन, कम वेतन मिलने और इतना अधिक कार्य करने के बावजूद सरकार उनके भविष्य के बारे में विचार नहीं कर रही है.

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उन्होंने कहा कम वेतन मिलने से आशा और आशा फैसिलिटेटर को अपने परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो गया है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि आशा फैसिलिटेटरों की तमाम समस्याओं को देखते हुए उनकी मांगों पर अति शीघ्र विचार किया जाए. वहीं, प्रदर्शन में शामिल आशा स्वास्थ्य संगठन की प्रदेश महामंत्री ललितेश विश्वकर्मा ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा हमें जो प्रोत्साहन राशि मिलती है वह भी समय पर नहीं मिलती है. उन्होंने आशाओं को राज्य कर्मचारी घोषित किए जाने की मांग की. उन्होंने कहा कम से कम 18 हजार रुपए मानदेय दिया जाए, जिससे आशाएं अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें. ललितेश विश्वकर्मा ने कहा आशाओं को न्यूनतम वेतन कर्मचारी का दर्जा दिए जाने और सेवानिवृत्त होने पर सभी आशाओं को अनिवार्य पेंशन का प्रावधान करने का प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल व विधानसभा से पारित करने की भी मांग की.

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आशा फैसिलिटेटर और आशाओं ने अपनी मांगों को लेकर जिला प्रशासन को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी प्रेषित किया. जिसमें आशा फैसिलिटेटरों ने उन्हें न्यूनतम मानदेय प्रतिमाह दिये जाने, फील्ड में कार्य करने के लिए यात्रा भत्ता दिये जाने के अलावा 20 दिन की मोबिलिटी के स्थान पर नियत मानदेय बढ़ाते हुए कार्य दिवस 30 दिन करने की मांग की है.

Last Updated : Apr 26, 2023, 2:46 PM IST

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