देहरादून: उत्तराखंड में पिछले दो महीने से डेंगू का कहर देखा जा है. देहरादून जिला डेंगू से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम समेत अन्य संबंधित विभागों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि तमाम व्यवस्थाएं होने के बावजूद राजधानी में डेंगू पर काबू नहीं पाया जा रहा है. अगर प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों पर स्थिति बेकाबू हुई, तो डेंगू से बड़ी तबाही देखने को मिल सकती है. प्रदेश में रोजाना करीब 50 नए डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं. जिसने स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं और अधिक बढ़ गई हैं.
उत्तराखंड में डेंगू से 13 लोगों की गई जान:स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे के भीतर पांच जिलों में 52 नए डेंगू के मामले सामने आए हैं. जिसके तहत अकेले देहरादून में 27, नैनीताल में 7, पौड़ी में 10, उधमसिंह नगर में 3 और चमोली में 5 मामले सामने आए हैं. अभी तक प्रदेश में 1182 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है. वहीं, 267 मरीज डेंगू से जंग लड़ रहे हैं, जबकि डेंगू से अभी तक 13 लोगों की जान जा चुकी है.
डेंगू संक्रमण की चपेट में आए प्रदेश के 9 जिले:उत्तराखंड में तेजी से डेंगू का कहर फैल रहा है. पिछले कुछ दिनों तक मात्र 6 जिलों में ही डेंगू संक्रमण के मामले देखे जा रहे थे. अब प्रदेश के 13 जिलों में से 9 जिलों में डेंगू संक्रमण फैल चुका है. हालांकि, अभी तक देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल, उधमसिंह नगर और चमोली जिले में डेंगू के मामले सामने आ रहे थे, लेकिन अब अल्मोड़ा, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग जिले में भी डेंगू ने दस्तक दे दी है.
बारिश के चलते बढ़ रहा डेंगू का खतरा:प्रदेश में पिछले कुछ समय से बारिश न होने के चलते डेंगू संक्रमण को रोकने की काफी अधिक संभावना थी. यही वजह है कि उस दौरान डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या सीमित रहती थी, लेकिन प्रदेश के तमाम हिस्सों में हो रही बारिश के चलते प्रदेश में डेंगू के तेजी से फैलने का खतरा और अधिक बढ़ गया है. दरअसल, बारिश के चलते घरों के आसपास या फिर घरों में पानी एकत्र हो जाता है. जिसके चलते डेंगू मच्छरों को पनपने की जगह मिल जाती है.