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'सुंदरलाल बहुगुणा को मिले भारत रत्न', उत्तराखंड को लेकर केजरीवाल का मास्टर स्ट्रोक - केजरीवाल का मास्टर स्ट्रोक

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को देखते हुए अरविंद केजरीवाल ने मास्टर स्ट्रोक खेला है. 300 यूनिट फ्री बिजली की गारंटी देने के चार दिन बाद ही केजरीवाल ने प्रख्यात पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा को मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग की है.

Sunderlal Bahuguna
केजरीवाल का मास्टर स्ट्रोक

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Published : Jul 15, 2021, 4:06 PM IST

Updated : Jul 15, 2021, 5:02 PM IST

देहरादून: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने उत्तराखंड चुनाव को देखते हुए मास्टर स्ट्रोक खेला है. उन्होंने विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा (environmentalist Sunderlal Bahuguna) को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' (highest civilian award Bharat Ratna) देने की मांग की है.

प्रख्यात पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा का 21 मई को ऋषिकेश एम्स में कोरोना के कारण निधन हो गया था. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, देश ही नहीं पूरी दुनिया को उन पर गर्व है. हम केंद्र सरकार और पीएम मोदी से मांग करते हैं कि सुंदरलाल बहुगुणा को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाए. केजरीवाल ने कहा कि वह इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखेंगे.

उत्तराखंड को लेकर केजरीवाल का मास्टर स्ट्रोक.

दरअसल, उत्तराखंड में राजनीतिक जमीन खोजने में जुटे दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए सियासी दांव खेला है. रविवार को ही अरविंद केजरीवाल उत्तराखंड दौरे पर आए थे और विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी को राज्य में खड़ा करने की कोशिश में जुटे हुए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हर परिवार को 300 यूनिट और किसानों को बिजली मुफ्त देने का ऐलान करके अपना चुनावी एजेंडा सेट कर दिया है. उन्होंने फ्री बिजली को गारंटी बताया है.

पढ़ें: पद्मविभूषण सुंदरलाल बहुगुणा को था नदी, जंगल, खेत-खलिहान से प्रेम

सुंदरलाल बहुगुणा का जन्म 9 जनवरी, 1927 को टिहरी जिले में भागीरथी नदी किनारे बसे मरोड़ा गांव में हुआ था. सुंदरलाल बहुगुणा की प्रारंभिक शिक्षा पैतृक गांव में ही हुई थी. उसके बाद 6 से 10 तक की शिक्षा उत्तरकाशी में ग्रहण की. फिर 11वीं और 12वीं की पढ़ाई प्रताप इण्टर कॉलेज टिहरी में ली. राजशाही के खिलाफ श्रीदेव सुमन का साथ देने के कारण उन्हें 12वीं की परीक्षा पुलिस हिरासत में देनी पड़ी. 12वीं की परीक्षा प्रधानाचार्य के कहने पर दिलवाई गई.

चिपको आंदोलन को विश्व स्तर तक पहुंचाया:उत्तराखंड के वनों को बचाने के लिए सबसे पहले उत्तराखंड से 'चिपको आंदोलन' शुरू करते हुए राष्ट्रीय एवं विश्व स्तर तक पहुंचाया. बहुगुणा का मानना था कि धीरे-धीरे जंगल कम हो रहे हैं. पहाड़ों में जंगलों का कट जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. बहुगुणा कहते थे कि पहाड़ों में वृक्षारोपण का काम स्थानीय लोगों को रोजगार के तौर किया जाए, जिससे पहाड़ में बेरोजगार युवकों को रोजगार मिलेगा और इससे हिमालय सुरक्षित रहेगा.

Last Updated : Jul 15, 2021, 5:02 PM IST

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