देहरादून: उत्तराखंड में धीरे-धीरे ठंड ने दस्तक देनी शुरू कर दी है. प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों में ठिठुरन बढ़ गई है. जिसके कारण सड़क किनारे रात बिताने वाले बेसहारा लोगों की परेशानियां बढ़ने लगी हैं. ठंड की आमद देख गरीबों व मुसाफिरों को बचाने के लिए शासन-प्रशासन भी रैन बसेरों को व्यवस्थित करने की तैयारी में जुट गया है. बात अगर राजधानी देहरादून की करें आइये आपको बताते हैं कि यहां रैन बसेरों की क्या स्थिति है.
हर साल सर्दियां आने पर शहर में नगर निगम द्वारा बेघर, बेसहारा लोगों के लिए अलाव और रैनबसेरों का इतंजाम किया जाता है. शहर के हर चौक-चौराहे पर अलाव से गरीब लोगों को ठंड से बचाने के लिए नगर निगम द्वारा इंतजाम किये जाते हैं. इस साल भी सर्दी अब बढ़ने लगी है. नगर निगम भी मौसम को देखते हुए हरकत में आ चुका है. नगर निगम द्वारा शहर में रैनबसेरों को लेकर भी व्यवस्थाएं चाक-चौंबद की जा रही हैं. गरीब बेसहारा लोगों से अपील की जा रही है कि वह सर्दी से बचने के लिए रैन बसेरों की ओर रुख करें.
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ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए देहरादून मेयर सुनिल उनियाल गामा ने कहा बताया कि हर साल नगर निगम द्वारा सर्दियां आने पर अलाव और रैनबसेरों के इतंजाम किया जाता रहा है. उन्होंने बताया कि इस बार भी व्यवस्थाएं चाक चौबंद की जा रही हैं. मेयर गामा ने बताया कि अलाव की व्यवस्था सभी चौक चौराहों पर की जा रही है. उन्होंने बताया कि अभी तक शहर में तकरीबन 5 रैन बसेरों की व्यवस्था की गई है. मेयर गामा ने बाताया कि देहरादून में घंटाघर रैन बसेरा व्यवस्थाओं के मामले में सबसे ज्यादा चाक चौबंद है. इसके अलावा पटेलगर, आईएसबीटी, रायपुर चुंगी और बलबीर रोड़ पर भी नया रैनबसेरा बनाया गया है.
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रैनबसेरों में कोरोना गाइडलाइन का होगा पालन
वहीं, कोरोना काल में रैन बसेरों को लेकर नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि रैन बसेरों के लिए गाइडलाइन दे दी गई है. यहां 6 फीट की दूरी पर लोगों को रात में आराम करने की अनुमति दी जाएगी. केयरटेकर द्वारा 6 फीट की दूरी पर बेड लगाए जाएंगे. जहां जमीन पर गद्दे बिछाये जाते हैं वहां भी इसका पालन किया जाएगा. साथ ही रैन बसेरों में मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था भी की जाएगी. इसके अलावा नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए गये हैं कि सभी रैन बसेरों में थर्मल स्कैनिंग की भी व्यवस्था की जाये.