देहरादूनः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू किया गया था. जिसका असर हर वर्ग और हर तबके पर पड़ा. वहीं, उत्तराखंड के औद्योगिक इकाइयों में काम कर रहे कर्मकारों पर भी इसका असर देखने को मिला. क्योंकि, लॉकडाउन के दौरान उद्योग इंडस्ट्री बंद हो गए, लेकिन लाखों कर्मकार ऐसे हैं, जिन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया गया. हालांकि, लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार ने यह तय किया था कि कर्मकारों को वेतन का भुगतान किया जाए, लेकिन ETV Bharat को श्रम विभाग से मिले आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं. जी हां, राज्य में पंजीकृत औद्योगिक इकाइयों में से मात्र 7.8 फीसदी औद्योगिक इकाइयों ने ही अपने कर्मकारों के वेतन का भुगतान किया है.
श्रम विभाग से जारी आंकड़े. लॉकडाउन के दौरान न सिर्फ लाखों लोग बेरोजगार हो गए, बल्कि निजी संस्थानों में काम करने वाली लाखों कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया. जिसके चलते इन कर्मचारियों पर आर्थिक संकट गहराया. इन्हीं कर्मचारियों में शामिल हैं, औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले कर्मकार. यूं तो उत्तराखंड राज्य में करीब 60 हजार छोटे-बड़े उद्योग हैं, जिससे लाखों कर्मकारों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है तो वहीं, राज्य में कुल 3432 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां भी हैं. जिसमें 6,81,280 कर्मचारी काम कर रहे हैं.
जानकारी देते शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक. ये भी पढ़ेंःबेरीनाग विकास खंड में कॉमन सर्विस सेंटर का उद्घाटन
मात्र 7.8 फीसदी औद्योगिक इकाइयों ने कर्मकारों को दिया वेतन
श्रम विभाग से मिले आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं. क्योंकि, लॉकडाउन के दौरान मात्र 271 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयों ने अपने 43,612 कर्मकारों को ही वेतन का भुगतान किया. जो कुल पंजीकृत औद्योगिक इकाइयों का मात्र 7.8 प्रतिशत ही है. 3161 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां ऐसी हैं, जिसमें 6,37,668 कर्मकार हैं, जिन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. यानी कुल मिलाकर देखें तो करीब 92.2 फीसदी औद्योगिक इकाइयां ऐसी हैं, जिन्होंने भुगतान नहीं किया है.
औद्योगिक इकाइयों के इस मामले को दिखाया जाएगाः मदन कौशिक
वहीं, मामले पर शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि अगर कोई ऐसा मामला है तो उसे दिखाया जाएगा. साथ ही बताया कि औद्योगिक इकाइयों के लिए राज्य सरकार ने जो निर्देश जारी किए थे, उसके तहत अगर कोई कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव आता है या फिर क्वारंटाइन होता है तो उसकी सैलरी न काटी जाए. इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान जो श्रमिक काम कर रहे हैं, उन्हें न हटाया जाए और यह भी औद्योगिक इकाइयों से कहा गया था कि वो श्रमिकों की मदद करते रहें. जिससे उनके सामने आर्थिक संकट न गहराए.
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श्रम विभाग की ओर से जारी आंकड़ों से सहमत नहींः पंकज गुप्ता
ETV Bharat से बातचीत में इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया राज्य के भीतर जो पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां हैं. उन सभी औद्योगिक इकाइयों में से लगभग सभी औद्योगिक इकाइयों ने कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान का वेतन भुगतान कर दिया है. लिहाजा, श्रम विभाग की ओर से जारी आंकड़े से वो सहमत नहीं हैं.
जिलेवार पंजीकृत औद्योगिक इकाइयों के आंकड़े-
- देहरादून जिले में कुल 550 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें 77,875 कर्मकार हैं. जिसमें से मात्र 65 औद्योगिक इकाइयों यानी 6,752 कर्मकारों को ही लॉकडाउन के दौरान वेतन का भुगतान किया गया.
- टिहरी जिले में कुल 30 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें 3,976 कर्मकार हैं. जिसमें से मात्र 11 औद्योगिक इकाइयों यानी 5,74 कर्मकारों को ही लॉकडाउन के दौरान वेतन नहीं दिया गया.
- उत्तरकाशी जिले में कुल 2 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां स्थापित है. जिनमें 3,87 कर्मकार कार्यरत हैं, लेकिन किसी भी कर्मकार को लॉकडाउन के दौरान सैलरी नहीं दी गई.
- हरिद्वार जिले में कुल 1436 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें 3,28,197 कर्मकार हैं. जिसमें से मात्र 101 औद्योगिक इकाइयों यानी 20,760 कर्मकारों को ही लॉकडाउन के दौरान वेतन का भुगतान किया गया.
- पौड़ी जिले में कुल 57 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें 9,104 कर्मकार हैं. जिसमें से मात्र 10 औद्योगिक इकाइयों यानी 960 कर्मकारों को ही लॉकडाउन के दौरान वेतन दिया गया.
- चमोली जिले में कुल 7 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें 975 कर्मकार कार्यरत हैं, लेकिन किसी भी कर्मकार को लॉकडाउन के दौरान वेतन नहीं दिया गया.
- उधमसिंह नगर जिले में कुल 1186 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें 2,37,426 कर्मकार हैं. जिसमे से मात्र 77 औद्योगिक इकाइयों यानी 13,536 कर्मकारों को ही लॉकडाउन के दौरान वेतन का भुगतान किया गया.
- चंपावत जिले में कुल 8 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें 575 कर्मकार हैं. जिसमें से मात्र 2 औद्योगिक इकाइयों यानी 530 कर्मकारों को ही लॉकडाउन के दौरान वेतन मिला.
- पिथौरागढ़ जिले में कुल 3 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें 778 कर्मकार हैं. उसमें भी मात्र 3 औद्योगिक इकाइयों यानी 350 कर्मकारों को ही लॉकडाउन के दौरान वेतन मिल पाया.
- नैनीताल जिले में कुल 139 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें 19,977 कर्मकार हैं. जिसमें से मात्र 2 औद्योगिक इकाइयों यानी 150 कर्मकारों को वेतन मिला.
- बागेश्वर जिले में कुल 4 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें 550 कर्मकार हैं, लेकिन किसी भी कर्मकार को लॉकडाउन के दौरान वेतन नहीं दिया गया.
- अल्मोड़ा जिले में कुल 10 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें 1460 कर्मकार हैं, लेकिन किसी भी कर्मकार को लॉकडाउन के दौरान वेतन का भुगतान नहीं किया गया.