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85 मिनट में दून से दिल्ली पहुंचे ब्रेन डेड जवान के अंग, सफलतापूर्वक हुए ट्रांसप्लांट

दून से दिल्ली के दो अस्पतालों के बीच की इस दूरी को तय करने में 85 मिनट का वक्त लगा. देहरादून एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि सेना ने इसमें मदद मांगी गई थी. जिसके लिए देहरादून से जौलीग्रांट तक के ग्रीन कॉरिडोर को जीरो जोन में बदल दिया गया.

ग्रीन कॉरिडोर

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Published : Mar 30, 2019, 10:19 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड पुलिस और सेना के बेहतर तालमेल ने एक बार फिर मरीजों को नया जीवन दान दिया है. देहरादून के मिलिट्री अस्पताल में ब्रेन डेड एक पूर्व सैनिक के अंगों को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 85 मिनट के रिकॉर्ड समय में दिल्ली के आरआर अस्पताल पहुंचाया गया है. जिसके बाद इन अंगों को सफलतापूर्वक अलग-अलग मरीजों में ट्रांसप्लांट कर दिया गया.

जीरो जोन में तब्दील हुआ ग्रीन कॉरिडोर.

बता दें कि देहरादून के गढ़ी कैंट स्थित सेना अस्पताल में ब्रेन डेड पूर्व सैनिक के किडनी, लीवर और आंखों को दिल्ली ले जाने के लिए शुक्रवार को शहर में ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था. ऑपरेशन करीब दोपहर 11 बजे शुरू हुआ. जिसमें सबसे पहले मेडिकल टीम ने ब्रेन डेड पूर्व सैनिक के अंगों को मिलिट्री अस्पताल में बड़ी सावधानी से निकाला और इन्हें स्पेशल मेडिकल बॉक्स में रखकर ग्रीन कॉरिडोर के जरिए जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचाया.

दून से दिल्ली के दो अस्पतालों के बीच की इस दूरी को तय करने में 85 मिनट का वक्त लगा. देहरादून एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि सेना ने इसमें मदद मांगी गई थी. जिसके लिए देहरादून से जौलीग्रांट तक के ग्रीन कॉरिडोर को जीरो जोन में बदल दिया गया.

वहीं, इस मामले में एसपी ट्रैफिक प्रकाश चंद आर्य ने बताया कि मिलिट्री अस्पताल में के जवान को ब्रेन डेड घोषित करने के बाद उनके अंगों को मिलिट्री हॉस्पिटल से जौली ग्रांट एयरपोर्ट तक ले जाने के लिए ग्रीन कोरिडोर बनाया गया था. एसएसपी के आदेश पर यातायात पुलिस के अलावा अतिरिक्त पुलिस बल को रास्ते में तैनात किया गया था. जवान के अंगों को 35 मिनट में मिलिट्री अस्पताल से लेकर जौली ग्रांट एयरपोर्ट तक पहुंचा दिया था.

बहरहाल, यह पहला मामला नहीं है कि जब सेना और पुलिस का बेहतर तालमेल देखने को मिला हो. इससे पहले भी अगस्त 2018 में भी मिलिट्री हॉस्पिटल में भारतीय सेना के जवान को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था. जिसके बाद ऐसे ही ग्रीन कॉरिडोर बनाकर जवान के अंगों को निकाल कर दिल्ली पहुंचाया गया था.

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