देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड संपन्न हो गई है. इस बार उत्तराखंड से 24 अधिकारी सेना को मिले हैं. देश को सबसे ज्यादा 50 अधिकारी उत्तर प्रदेश से मिले हैं. भारतीय थल सेना के उप प्रमुख एसके सैनी ने पासिंग आउट परेड की सलामी ली.
भारतीय सैन्य अकादमी में एक बार फिर वही गौरवमयी पल आया जिसका जेंटलमैन कैडेट्स को इंतजार रहता है. देश को इस बार 325 सैन्य अधिकारी मिले हैं. पासिंग आउट परेड में कुल 395 जेंटलमैन कैडेट्स शामिल हुए. इसमें 70 कैडेट्स विदेश के थे. भारतीय थल सेना के उप प्रमुख एसके सैनी ने पासिंग आउट परेड की सलामी ली. इस बार पीओपी में कैडेट के दो परिजन ही शामिल हुए. परेड के बाद होने वाली पीपिंग सेरेमनी में माता-पिता ने ही कैडेट्स के कंधों पर लगी रैंक से कवर हटाए.
पासिंग आउट परेड के बाद सेना में अफसर बने देहरादून के देवेश कहते हैं कि उन्होंने 9 साल बाद इस मुकाम को हासिल किया है. 5 साल आरआईएमसी और 3 साल एनडीए में रहने के बाद उन्होंने अकादमी ज्वॉइन की थी और आज वे बतौर अफसर सेना में शामिल हो रहे हैं. देवेश के पिता देहरादून सचिवालय में एडिशनल सेक्रेटरी थे. जो पिछले साल ही रिटायर हुए हैं. जोहड़ी गांव के रहने वाले देवेश कहते हैं कि उनकी बड़ी बहन पीसीएस अफसर और भाई डॉक्टर हैं. लेकिन उनका सपना सेना में जाकर देश की सेवा करने का था इसलिए उन्होंने एक अलग रास्ता चुना.
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इसी तरह नितेश भी अपने बीते हुए पलों को याद करते हैं और बताते हैं कि वह सेना में 2013 के दौरान सिपाही के रूप में भर्ती हुए थे. लेकिन उनके कमांडिंग ऑफिसर ने उन्हें प्रेरित किया और कहा कि वह एक अच्छी नेतृत्व क्षमता रखते हैं. इसलिए उन्हें सेना में एक अफसर के रूप में जाने के लिए प्रयास करना चाहिए. इसके बाद नितेश ने मेहनत की और उन्होंने अपने अफसर की उस बात को याद रखा, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'बाकी नौकरियां तो बस केवल जॉब दे सकती है. लेकिन सेना में बतौर अफसर आपको नई जिंदगी मिलती है'