देहरादूनःमुस्लिम यूनिवर्सिटी मामले पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अकील अहमद को अनुशासनहीनता के चलते 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. अकील अहमद लगातार मीडिया में मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर बयानबाजी कर रहे थे. साथ ही अपनी पार्टी के नेताओं पर तंज कस रहे थे. पार्टी ने अकील अहमद को नोटिस भी दिया था. लेकिन अकील अहमद की ओर से कोई जवाब न देने पर उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. वहीं, अब अकील अहमद ने बयान दिया है.
कांग्रेस नेताओं के संज्ञान में थी बातः अकील अहमद ने निष्कासन पर सफाई देते हुए कांग्रेस पार्टी पर एक बार फिर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वो मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाकर रहेंगे. इसके अलावा 2024 में हरिद्वार सीट से लोकसभा चुनाव भी लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी ही उनका मुद्दा रहेगा. अकील अहमद ने कांग्रेस पार्टी के तमाम बड़े नेताओं पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि, उनका 10 बिंदुओं का मांग पत्र पार्टी के सभी बड़े नेताओं के संज्ञान में था, जिसमें डिग्री कॉलेज, अस्पताल की मांग के साथ ही मुस्लिम यूनिवर्सिटी का भी जिक्र था. ऐसे में केवल उनपर ही हार का ठीकरा क्यों फोड़ा जा रहा है?
क्यों बनाया उपाध्यक्ष और राज्यमंत्रीःअकील अहमद ने कहा कि हरीश रावत भी बार-बार उनके ऊपर आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में कार्रवाई पार्टी के सभी नेताओं पर होनी चाहिए. वो पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता रहे हैं और उनके ऊपर हार का सारा ठीकरा फोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि हरीश रावत को बताना चाहिए कि 2016 में उनको पार्टी का उपाध्यक्ष और राज्यमंत्री क्यों बनाया गया था.
अन्य राज्यों में क्यों हारी कांग्रेसः अकील अहमद का कहना है कि 2022 के चुनाव में मुस्लिम यूनिवर्सिटी बड़ा मुद्दा बनकर उभरकर आया. उनपर आरोप लगाए जा रहे हैं कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मांग पर पार्टी हारी है, जबकि पांच राज्यों में इलेक्शन हुए हैं. ऐसे में जब मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बयान के बाद कांग्रेस प्रदेश में हारी तो कांग्रेस को बताना चाहिए कि क्यों अन्य राज्यों में पार्टी को हार मिली.
इन तीनों नेताओं को करें निष्कासितः अकील अहमद का कहना है कि चुनाव से पहले पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश उनके घर आए और उन्होंने उनको 10 सूत्रीय मांगपत्र सौंपते हुए कहा था कि, मुस्लिम यूनिवर्सिटी यदि प्रदेश में खुल जाए तो अच्छा रहेगा. लेकिन तब उनको ये नहीं पता था कि ये बड़ा मुद्दा बन जाएगा. यदि पार्टी के वरिष्ठ नेता चाहते तो उसी समय मुस्लिम यूनिवर्सिटी वाली मांग को मांग पत्र से हटा देते. लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं ने ऐसा कुछ नहीं किया. ऐसी सूरत में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश, चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत को भी निष्कासित किया जाना चाहिए.