ऋषिकेश: बारिश में सड़कों के निर्माण पर सिंचाई विभाग की लीपापोती भी सतह पर आ गई है. अमूमन नहरों और तटबंधों का काम करने वाले सिंचाई विभाग ने तीन महीने पहले गंगोत्री नेशनल हाईवे की एप्रोच रोड बनाई. जल्दबाजी में बनी सड़क की सुरक्षा के लिए किनारे पर पुश्तों का निर्माण नहीं किया गया. नतीजतन, चंद्रभागा नदी के उफान से सड़क का कई मीटर हिस्सा ढह गया. कटाव होने पर आनन-फानन में अधिकारी मौके पर पहुंचे. अब वाहन सवारों की सुरक्षा के मद्देनजर सड़क पर आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है. नदी का रुख मोड़ने के लिए पोकलैंड मशीन लगाई गई है.
सड़क पर आवागमन प्रतिबंधित किया. सिंचाई विभाग ने इसी साल जुलाई माह में करीब चार करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से 1100 मीटर सीसी सड़क का निर्माण किया था. चारधाम यात्रा ट्रांजिट कैंप को गंगोत्री नेशनल हाईवे से जोड़ने के लिए यह एप्रोच रोड बनी थी. हैरानी की बात यह है कि सिंचाई विभाग ने सड़क के निर्माण के लिए तेजी तो दिखाई, मगर चंद्रभागा नदी में बरसात के दौरान उफान की जानकारी होने के बावजूद सुरक्षा के तहत पुश्तों का निर्माण नहीं किया. अत्यधिक बारिश में चंद्रभागा नदी उफान पर आई, तो नदी के बहाव से सड़क का कटाव शुरू हो गया. जिसके चलते सड़क का कई मीटर हिस्सा भरभरा गिर गिया.
पोकलैंड मशीन के जरिए नदी का बहाव सड़क से दूर मोड़ा जा रहा है. सूचना मिलते ही सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. उन्होंने सड़क को दोनों तरफ से आवाजाही के लिए बंद कर दिया है. आवाजाही बंद होने से वाहन सवारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सड़क के किनारों के ढहने से विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली सवालों के घेरे में है. खास बात यह है कि सिंचाई विभाग से जुड़ा यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी बाढ़ सुरक्षा कार्यों में अनियमतिताओं के आरोप अधिकारियों पर लगते रहे हैं, जिसकी शिकायत सीएम से लेकर संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों से भी की गई है.
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सड़क बहने का खतरा: सिचाई विभाग ने पुश्तों के निर्माण के लिए तकरीबन सात करोड़ रुपये का प्रस्ताव आईयूआरडी को अलग से भेजा था. लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिली. बावजूद, पुश्तों के निर्माण के बजाय सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने पुराने पुश्तों पर ही लीपापोती कर सड़क का निर्माण कर दिया. सड़क निर्माण के लिए 4.5 करोड़ का प्रस्ताव पास हुआ था. अब कई मीटर सड़क का ढहा हिस्सा अधिकारियों के गले की फांस बन गया है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों का दावा है कि प्रस्ताव को जल्द स्वीकृति नहीं मिली तो यह कुछ मीटर का कटाव आगे बढ़ता ही चला जाएगा.
क्या कहते हैं अधिकारी:सिंचाई विभाग के एसडीओ अनुभव नौटियाल का कहना है, 'पर्यटन विभाग को सड़क चाहिए थी, तो हमने बनाकर दे दी. सड़क निर्माण के साथ ही पुश्तें बनाने के लिए भी करीब 11 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया था. मगर पुश्तों का प्रस्ताव मंजूर नहीं हुआ. सड़क का कटाव और ज्यादा वृहद स्तर पर होगा. फिलहाल जन और सड़क की सुरक्षा के लिए फौरी इंतजाम किए जा रहे हैं.
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