देहरादून: कोरोना वायरस के प्रसार के साथ ही लगभग हर रोज किसी न किसी क्षेत्र से कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी देने, नौकरियों से निकालने, वेतन में भारी कटौती की खबरें आ सामने आ रही हैं. ऐसे में बड़ी संख्या में लोग वापस उत्तराखंड लौटे हैं.
अप्रैल महीने में जारी वार्षिक बजट के अनुसार, उत्तराखंड में 56 हजार से ज्यादा सरकारी पद रिक्त हैं. उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों को लेकर पिछले कई सालों से युवा आंदोलन करते रहे हैं. लेकिन इस दौर में जब आंदोलन की अनुमति नहीं है और प्रदेश में युवा बेरोजगारों की संख्या कई गुना ज्यादा बढ़ चुकी है. ऐसे में अगर भर्तियां शुरू होती है तो प्रदेश के लोगों को बड़ी राहत मिलना तय है.
जिलेवार बेरोजगारों के आंकड़े. हर साल मार्च और अप्रैल में जारी होने वाले वार्षिक बजट में सरकारी पदों की रिक्तियों को लेकर आंकड़े जारी किए जाते हैं. इस बार उत्तराखंड के तकरीबन 141 छोटे-बड़े विभागों में कुल 56,474 पद रिक्त हैं. जिनमें 25 से 30 फीसदी पद प्रमोशन के लिए हैं, बाकि अन्य सभी पदों पर स्थायी और अस्थायी भर्तियां होनी है.
उत्तराखंड सरकार को प्रदेश में तेजी से बढ़ती बेरोजगारी भी चिंतित कर सकती है. केंद्रीय श्रम बल सर्वेक्षण में प्रदेश में बेरोजगारी दर करीब 14% आंकी गई है. 2017 में प्रदेश के नियोजन विभाग की ओर से किए गए सर्वे में सामने आई बेरोजगारी दर से यह करीब तीन गुना अधिक है. बेरोजगारी की समस्या का सामना कर रहे उत्तराखंड में दिसंबर 2019 तक 7 लाख 69 हजार 77 शिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं और करीब तीन साल के दौरान प्रदेश सरकार ने रोजगार मेलों के माध्यम 15,136 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया है.
विभिन्न विभागों में 56 हजार पद खाली. ये भी पढ़ें:कोरोना: हरिद्वार महाकुंभ के स्वरूप पर संशय, अंतिम चरण में तैयारियां
इन विभागों में होगी हैं भर्तियां
उच्च शिक्षा में 2130 पद, माध्यमिक शिक्षा में 9663 पद, विद्यालय शिक्षा (प्राथमिक) में 3189 पद, विद्यालय शिक्षा (माध्यमिक) में 3439 पद, नवोदय विद्यालयों में 290 पद, निदेशालय प्राविधिक शिक्षा में 1735 पद रिक्त हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग में कुल 25,846 पद रिक्त हैं. बात करें स्वास्थ्य विभाग की तो चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य में 3403 पद, होम्योपैथिक चिकित्सा में 151 पद, चिकित्सा शिक्षा में 2381 पद, आयुर्वेदिक चिकित्सा में 258 पद, परिवार कल्याण में 1,359 रिक्त पद रिक्त है. महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, महिला आयोग और बाल आयोग में कुल 1,366 पद खाली हैं.
जिलेवार बेरोजगारों के आंकड़े. बात करें उत्तराखंड पुलिस विभाग की तो मुख्यालय वर्ग में 1918 पद, विधि विज्ञान प्रयोगशाला में 59 और कारागार में 402 पद खाली है. वहीं, निर्वाचन आयोग (पंचायत) में 67 पद और निर्वाचन आयोग जनपद संवर्ग में 58 पद रिक्त हैं. सचिवालय प्रशासन विभाग में 668 पद खाली हैं. राज्य संपत्ति विभाग में 112 पद खाली है. उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय और राजभवन में कर्मचारी संवर्ग में 137 पद रिक्त है. इसी तरह से लोक निर्माण विभाग में 2308 पद खाली हैं. जबकि, वन विभाग में 2602 और उद्यान विभाग में 1101 पद खाली है.
ऐसे भरे जाएंगे पद
उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, लोक सेवा आयोग और अस्थायी भर्तियां या फिर उपनल के जरिए रिक्त पदों पर भर्तियां होती है. इनमें से सबसे ज्यादा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पर रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर दबाव रहता है. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष संतोष बडोनी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि करीब 6 हजार रिक्त पदों पर भर्तियों का प्रस्ताव आयोग के पास है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष जुलाई तक आयोग 3 हजार पदों पर विज्ञापन निकाल चुका है और अगले कुछ हफ्तों में 2 हजार अन्य पदों पर विज्ञापन जारी करेगा.
जिलेवार बेरोजगारों के आंकड़े. चयन प्रक्रिया के पूरे होने के बाद 4 हजार अन्य पदों पर भी भर्तियों का विज्ञापन जारी किया जाएगा. ऐसे में दिसंबर आखिर तक कुल 10 हजार पदों पर भर्तियों के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग विज्ञापन जारी करेगा. जिससे करीब 10 हजार युवाओं को प्रदेश नौकरी करने का अवसर मिलेगा. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि इस चयन वर्ष में आयोग सबसे ज्यादा भर्तियां निकालने जा रही है.
जो कोरोना महामारी के बीच युवाओं को एक बड़ा अवसर प्रदान करने जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस बार जारी होने वाले विज्ञापन में हर तरह के छात्रों के लिए नौकरियां का अवसर मिलेगा. जिसमें स्किल्ड हाई स्कूल, इंटर पास छात्र-छात्राओं, साइंस कॉमर्स ग्रेजुएट छात्रों के लिए भर्तियां निकली जा रही हैं. वहीं, सिविल इंजीनियरिंग के साथ-साथ तमाम तकनीकि क्षेत्रों से जुड़े छात्रों और एलटी और B.Ed धारकों के लिए भर्ती निकाली जा रही है.