देहरादूनःउत्तराखंड में नशा तस्करी का जाल फैल चुका है. ऐसे में नशा तस्करों की कमर तोड़ने के लिए पुलिस मुस्तैद हो चुकी है. इसके लिए उत्तराखंड में बकायदा त्रिस्तरीय टास्क फोर्स गठित की गई है. इस टास्क फोर्स के लिए नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर (Narco Coordination Centre) सचिवालय यानी NCORD सचिवालय का गठन किया गया है. NCORD सचिवालय के अंडर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (Anti Narcotics Task Force) की तीन टीमें होंगी जो तीन लेवल पर काम करेंगी.
इस तरह होगा टीमों का बंटवारा:एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (Anti Narcotics Task Force) को तीन हिस्सों में बांटा गया है. इसमें स्टेट लेवल, रीजन लेवल और डिस्ट्रिक्ट लेवल पर टीमें काम करेंगी. रीजनल लेवल पर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स गढ़वाल यूनिट (ANTF Garhwal Unit) और कुमाऊं यूनिट (ANTF Kumaon Unit) यूनिट कार्य करेंगी.
NCORD के अधीन ये अधिकारःउत्तराखंड में नशा तस्करी के खिलाफ प्रभावी नियंत्रण के लिए गठित त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के अधिकार दायरे को बढ़ाया गया है. इस फोर्स में नियुक्त अधिकारी व कर्मचारियों को अपने कार्य क्षेत्र में तलाशी, बरामदगी समेत गिरफ्तारी जैसी शक्तियां प्राप्त होंगी, जो दंड प्रक्रिया संहिता एवं अन्य विधियों के अधीन पुलिस अधिकारियों को प्राप्त हैं. इतना ही नहीं, ये टास्क फोर्स अपने कार्य क्षेत्र में स्थित किसी भी थाने में ड्रग्स श्रेणी वाले व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज भी करेगी. साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता के प्राविधानों के अनुरुप कार्रवाई करने के लिए सक्षम रहेंगी.
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डीजीपी करेंगे NCORD की मॉनिटिरिंग और समीक्षाःराज्य स्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) की ओर से प्रदेश में नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर (NCORD) सचिवालय के रूप में कार्य करेगी. जो विभिन्न स्तरों पर निर्णयों पर कार्रवाई का अनुपालन करेगी. वहीं पारदर्शिता की दृष्टि से ANTF में नियुक्त कार्मिकों पर भी नजर रखी जाएगी. ताकि ड्रग्स अपराधियों से संलिप्तता पाए जाने पर संबंधित कार्मिक के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा सके. जानकारी के अनुसार, एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर सचिवालय के कार्यों की समीक्षा उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक मासिक तौर पर करेंगे.
ADG और DIG के अधीन होंगे नोडल अधिकारीःनशे के काले कारोबार में त्रिस्तरीय NCORD फोर्स को प्रदेश स्तर पर अपर पुलिस महानिदेशक और डीआईजी अपराध कानून व्यवस्था के अधीन सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) और एसटीएफ के नोडल अधिकारी होंगे. जबकि, जनपद स्तर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के अधीन पुलिस अधीक्षक अपराध/पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन नोडल अधिकारी होंगे. वहीं, इस स्पेशल फोर्स में थाना स्तर पर थाना प्रभारी ही नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे.
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