देहरादून: उत्तराखंड की बेटी अंकिता को तीनों आरोपियों ने क्यों मारा, यह तस्वीर अब भले ही हल्की सी साफ हो गई है. लेकिन अंकिता के चले जाने के बाद भी लोगों का आक्रोश कम होने का नाम नहीं ले रहा है. आज भी पहाड़ के कई हिस्सों में अंकिता को न केवल श्रद्धांजलि दी जा रही है, बल्कि सरकार से तीनों आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश करके फांसी देने की मांग की जा रही है.
वही, अंकिता हत्याकांड (ankita murder case) के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के बड़े भाई अंकित आर्य पहली बार ईटीवी भारत से इस मामले पर बात करने को राजी हुए. अंकित आर्य वही शख्स हैं, जिसको भारतीय जनता पार्टी ने राज्य मंत्री बनाया था. लेकिन भाई के इस कृत्य करने के बाद अंकित और उनके पिता विनोद आर्य को ना केवल पार्टी से बाहर निकाला गया, बल्कि तमाम पदों से भी निष्कासित भी कर दिया गया है. बता दें कि तीरथ सरकार में अंकित आर्य को राज्य मंत्री का दर्जा मिला था. वहीं, पिता विनोद आर्य त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में राज्य मंत्री रहे थे.
पुलकित से मेरा संबंध खत्म हो गया था: ईटीवी भारत से अंकित आर्य ने कहा कि वह इस मामले पर वैसे तो कुछ नहीं कहना चाहते हैं. जो कुछ भी है, वह सबके सामने है. वह बेहद परेशान हैं. इसके साथ ही उनका पूरा परिवार भी परेशान है. क्योंकि पूरे परिवार को बिना जुर्म किए ही सजा मिल रही है. अंकित ने कहा पुलकित आर्य से उनका रिश्ता साल 2009 में किसी कारण से खत्म हो गया था. कभी-कभार बातचीत हो गई तो हो गई, वर्ना पुलकित आर्य से उनका कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने बताया कि पुलकित अपना काम देख रहा था और वह अपना काम देख रहे थे. उनकी एक फैक्ट्री है, जो फिलहाल रुड़की भगवानपुर के इमलीखेड़ा स्थित गांव में चल रही है.
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