ऋषिकेश:बड़ी संख्या में पुलिस बल से साथ अपनी जमीन पर कब्जा लेने गया पशुपालन विभाग को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. मामला बढ़ता देखे पुनर्वास विभाग को बीच में आना पड़ा. पुनर्वास विभाग से लिखित आश्वासन मिलने से बाद मामला शांत हुआ.
बता दें कि टिहरी विस्थापित परिवारों को बसाने के लिए पुनर्वास विभाग की ओर से ऋषिकेश के विस्थापित क्षेत्र में भूमि आवंटित की गई थी, जो वर्तमान में नक्शे व दस्तावेजों के आधार पर पशुपालन विभाग की है. जिसे पर कब्जा लेने के लिए पशुपालन विभाग के अधिकारी पुलिस बल के साथ पहुंचे थे, लेकिन पशुपालन विभाग और पुलिस को जमीन पर रह रहे लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा.
इस दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच नोकझोंक भी हुई. मामला बढ़ता देख पुलिस ने पुनर्वास विभाग के अधिकारी को मौके पर बुलाया. पुनर्वास विभाग के अधिकारी द्वारा लिखित आश्वासन दिए जाने के बाद मामला शांत हुआ.
विरोध प्रदर्शन कर रहे स्थानीय व्यक्ति ललित मोहन मिश्रा ने बताया कि टिहरी से विस्थापित लोगों को बसाने के लिए यह जगह आवंटित की गई थी. जिस पर 14 साल से लोग रह रहे हैं. आज 14 साल बाद पशुपालन विभाग बिना नोटिस दिए लोगों को यहां से हटाने आ गया. उन्हें गलत जमीन दी गई इसमें सरकार और पुनर्वास विभाग गलती है. उनकी गलती की खामियाजा वे क्यों भुगते.