देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा का पांच दिवसीय मॉनसून सत्र जारी है. सत्र के दौरान विभिन्न संगठन अपनी मांगों को लेकर लामबंद हैं. इसी कड़ी में आज सीटू से सम्बद्ध आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सेविकाओं ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर विधानसभा कूच किया, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को विधानसभा से पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. जिसके बाद सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सड़क पर ही धरने में बैठ गईं और जमकर नारेबाजी की.
आंगनबाड़ी कार्यकत्री/सेविका कर्मचारी यूनियन की प्रांतीय महामंत्री चित्रकला ने कहा कि बीते कई समय से प्रदेश के हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व हेल्पर अपने विभिन्न मांगों को लेकर संघर्षरत हैं. अपनी मांगों को लेकर वो कई बार पत्र भेज चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी मांगों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इससे राज्य की आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर में सरकार के खिलाफ काफी नाराजगी है.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का विधानसभा कूच. ये भी पढ़ेंःमॉनसून सत्र: साइकिल से विधानसभा पहुंचा विपक्ष, महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी वर्कर्स दिल्ली सरकार की तर्ज पर 21000 रुपए मानदेय की मांग कर रही हैं. अगर यह मांग पूरी नहीं होती है, तब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कम से कम ₹14000 मानदेय दिया जाना चाहिए. साथ ही आंगनबाड़ी वर्कर एवं हेल्पर को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए.
वहीं, प्रदर्शन में शामिल एक्टू की प्रदेश अध्यक्ष दीपक पांडे ने भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगें पूरी न होने पर सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर बीते कई समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रही हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लगातार अनसुना कर रही है.
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/सेविकाओं की मांगेःंमिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री को समान काम का समान वेतन दिया जाए. सरकार की ओर से ₹1000 की घोषणा स्वीकार नहीं करेंगे, जब तक उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता है. सेविकाओं को कार्यकर्ता के पद पर 100% पदोन्नति दी जाए. इसके अलावा पदोन्नति में पंजाब की भांति आयु सीमा समाप्त की जाए. महाराष्ट्र की तरह ग्रेच्युटी और ईएसआई सुविधा लागू की जाए.