देहरादूनःचमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से आए सैलाब ने बड़ा नुकसान किया है. इस प्राकृतिक आपदा ने जान और माल दोनों को ही गहरा आघात पहुंचाया है. राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक इस घटना के बाद पूरी सक्रियता के साथ राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं. इस घटना पर आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बयान दिया.
अमित शाह ने बताया कि बाढ़ से 13.2 मेगावाट की जल विद्युत परियोजन बह गई. इस अचानक आई बाढ़ ने तपोवन में NTPC की 520 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना को भी नुकसान पहुंचाया है. उत्तराखंड सरकार ने बताया है कि बाढ़ से निचले क्षेत्र में अब कोई खतरा नहीं है. साथ ही जलस्तर में भी कमी आ रही है. केंद्रीय और राज्य की एजेंसियां हालात पर नजर रखे हुए हैं.''
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7 फरवरी को हुई ग्लेशियर टूटने की इस घटना पर आगे अमित शाह ने बताया कि 5,600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ग्लेशियर के मुहाने पर हिमस्खलन हुआ, जो 14 वर्ग किमी क्षेत्र जितना बड़ा था. जिसके कारण बाढ़ की स्थिति बन गई. बता दें कि ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे में अब तक 31 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. जबकि 170 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं. तपोवन टनल में अब भी रेस्क्यू अभियान चल रहा है.
लोकसभा में भी अमित शाह ने दी जानकारी
चमोली हादसे पर लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बोलते हुए कहा कि राहत बचाव काम पर गृह मंत्रालय की पूरी नजर है. चमोली हादसे में NTPC प्लांट के 139 लोग लापता है. अमित शाह ने सदन को जानकारी देते हुए बताया कि 'उत्तराखंड सरकार ने ये बताया है कि बाढ़ से निचले क्षेत्र में अब कोई खतरा नहीं है और साथ ही साथ जलस्तर में भी कमी आ रही है. केंद्र और राज्य की सभी संबंधित एजेंसियां स्थिति पर लगातार कड़ी निगाह रखे हुए हैं'.