देहरादून: राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता. यह बात त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के साथ साफ हो गई है. कभी त्रिवेंद्र सिंह रावत के हर छोटे-बड़े कार्यक्रम में साथ रहने वाले उनके खासम-खास गायब दिखे.
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. भारतीय जनता पार्टी के भीतर अंसतोष के चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा देने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुद ही कहा कि संगठन चाहता है कि अब किसी और को मौका मिले.
देहरादून में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया का जमावड़ा तो दिखा. लेकिन इस दौरान वे चेहरे नदारद दिखे जो कभी हर वक्त त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ होते थे. हालात देखते हुए तमाम विधायकों ने त्रिवेंद्र सिंह रावत से शायद इसलिए किनारा कर लिया. क्योंकि वह जानते हैं कि अगर वह इस वक्त त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ खड़े रहे, तो आने वाला मुख्यमंत्री उन्हें त्रिवेंद्र खेमे का मान सकते हैं.