देहरादून: ईद-उल-फितर, मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है. एक महीने के रमजान पूरा होने के बाद ईद मनाई जाती है. जिसे ‘मीठी ईद’ कहते हैं. लॉकडाउन की वजह से इस बार ईद की रौनक फीकी ही नजर आयी. ईद के मौके पर पहली बार ऐसा हुआ कि लोगों ने घरों में रहकर ही ईद की नमाज अता की. इस बार लॉकडाउन और कोरोना से लड़ते हुए मुस्लिम समुदाय ने घरों से ही सबकी खैरियत की दुआ मांगी.
रविवार को ईद का चांद दिखने के बाद आज देशभर में ईद मनाई गई. भले ही इस बार कोरोना और लॉकडाउन का असर ईद पर पड़ा हो मगर फिर भी इसकी रौनक में कोई कमी नजर नहीं आई. इस बार मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घरों में ही उत्साह और सादगी के साथ ईद मनाई.
पढ़ें-थराली में कोरोना का एक और केस मिला, राज्य में आंकड़ा पहुंचा 330
ईद के पाक मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने जावेद नाम के युवक के घर पहुंचकर उनके साथ इस त्योहार के बारे में जाना. कैसे ये ईद मनाई जाती है, इसे लेकर क्या तैयारियां की जाती हैं और ऐसी क्या चीजें होती हैं जिन्हें ईद पर विशेष तौर से ध्यान में रखा जाता है, ये सब जानने के लिए हमने जावेद के परिवार से बात की. जावेद के फैमिली मेंबर ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया उनके परिवार ने सुबह से ही ईद की तैयारियां शुरू कर थीं. ईद साल भर में एक बार आता है इसलिए इसमें कोई कमी नहीं की जाती है. उन्होंने बताया 30 दिन रोजा रखने के बाद जब रोजा मुकम्मल हो जाता है तो उसकी सफलता की खुशी में ईद मनायी जाता है.