मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में जाम की बहुत बड़ी समस्या है. माल रोड सहित मुख्य चौराहों पर गाड़ियां रेंगती नजर आ रही है, लेकिन पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरीके से फेल देखाई दे रही है.मसूरी में पुलिस बल की भारी कमी है. जिसको लेकर लगातार देहरादून एसएसपी से मसूरी में पुलिस फोर्स बढ़ाने की मांग की जा रही है, लेकिन एसएसपी द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.
जाम की समस्या से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है. मसूरी में लगातार लग रहे जाम के कारण 4 साल की बच्ची को ले जा रही एंबुलेंस भी रास्ते में फंस गई. जिससे मासूम की जिंदगी पर बन आई. बताया जा रहा है कि 108 एंबुलेंस से बीमार बच्ची को मसूरी उप जिला चिकित्सालय ले जाया जा रहा था. मसूरी माल रोड पर कई जगह जाम लगे होने के कारण गांधी चौक से उप जिला चिकित्सालय का 10 मिनट का सफर एंबुलेंस को 40 मिनट में तय करना पड़ा.
बच्ची को अस्पताल ले जा रही एंबुलेंस जाम में फंसी. ये भी पढ़ें:मॉनसून की दस्तक से पहले आपदा प्रबंधन की कार्यशाला, तैयारियों को लेकर हुई चर्चा
वहीं, डॉक्टरों ने बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए देहरादून रेफर कर दिया है. मसूरी माल रोड पर तैनात पीआरडी जवानों के साथ स्थानीय लोगों ने बड़ी मुश्किल से एंबुलेंस को जाम से निकाला और अस्पताल के लिए रवाना किया. बता दे कि मसूरी में इन दिनों पर्यटन सीजन चरम पर है, लेकिन मसूरी में पुलिस फोर्स की भारी कमी है. मसूरी में एक कोतवाल. एक एसएसआई और 7 एसआई के साथ 96 कांस्टेबल की पोस्ट है.
मसूरी में वर्तमान में एक कोतवाल एक एसएसआई और एक एसआई के साथ 30 कांस्टेबल ड्यूटी कर रहे हैं. मसूरी में 7 चौकियां है, लेकिन चौकियों में चौकी इंचार्ज एक ही है. जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं मसूरी में इस बार जाम एक बड़ी समस्या बन गई है. लोग बेतरकीब तरीके से सड़क पर वाहनों को पार्क कर रहे हैं. इससे मसूरी में सभी व्यवस्था चरमरा गई है.
मसूरी में एक एसडीएम तैनात है, लेकिन इन दिनों उनकी भी ड्यूटी केदारनाथ में लगा दी गई है. ऐसे में प्रशासनिक स्तर पर भी मसूरी में कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं है. इसको लेकर कई बार मसूरी विधायक और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से भी कहा गया, लेकिन उनके स्तर से भी इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिससे लोगों में भारी आक्रोश है.