देहरादूनः मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ऑल वेदर रोड का भविष्य अब पर्यावरणीय अध्ययन की रिपोर्ट पर टिक गया है. अध्ययन के लिए बनाई गई कमेटी की पहली बैठक देहरादून में होने जा रही है. जिसके बाद जांच तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.
पर्यावरणीय अध्ययन तय करेगा ऑल वेदर रोड का भविष्य. गौर हो कि, ऑल वेदर रोड परियोजना में सड़क निर्माण के दौरान पर्यावरण सुरक्षा से जुड़ी बातों का ध्यान नहीं रखने की शिकायतें एनजीटी से की गई थी. जिसके बाद एनजीटी ने इस प्रोजेक्ट पर रोक लगाने के आदेश दिए थे. हालांकि, एनजीटी इस पूरे प्रोजेक्ट पर ही पहले रोक लगा चुका है. लेकिन, मामला कोर्ट में जाने के बाद पहले से चल रहे कामों को जारी रखने की इजाजत दी गई है.
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राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट पर्यावरणीय आपत्तियों के बाद ठंडे बस्ते में है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पर्यावरणीय अध्ययन के लिए एक कमेटी का विस्तार किया गया था. कोर्ट के आदेश पर ही पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा को इसका अध्यक्ष भी बनाया गया है. इसी कड़ी में चार धाम को जोड़ने वाले ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट पर अध्ययन करने वाली इस कमेटी की पहली बैठक देहरादून में होने जा रही है.
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आगामी 30 सितंबर को होने वाली इस बैठक में ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट पर अध्ययन को लेकर चिंतन किया जाएगा. बता दें कि, प्रोजेक्ट के अध्ययन को लेकर इस कमेटी को 4 महीने का समय दिया गया है. इस दौरान 11 सदस्यीय कमेटी प्रोजेक्ट निर्माण से पर्यावरण पर पड़ रहे असर और निर्माण के दौरान निकल रहे मलबे के डिस्पोज का अध्ययन करेगी. साथ ही प्रोजेक्ट निर्माण पर अपने उपाय भी रिपोर्ट में शामिल करेगी. ऐसे में ऑल वेदर रोड का भविष्य इसी कमेटी की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा.