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वनाधिकार की मांग को लेकर दलबल के साथ विधानसभा पहुंचे किशोर, बोले- सरकार पर बनाएं दबाव

उत्तराखंड में अत्यधिक वन क्षेत्र होने की वजह से यंहा के कठिन जीवन को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने वनाधिकार आंदोलन की मुहिम छेड़ी हुई है. जिसे लेकर आज एक बार फिर किशोर उपाध्याय ने विधानसभा तक ये मामला पहुंचाया. इस दौरान उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर सरकार पर दबाव बनाने की बात कही.

वनाधिकार की मांग.

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Published : Jun 23, 2019, 9:24 PM IST

देहरादूनः सोमवार से शुरू होने जा रहे विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर आज सर्वदलीय बैठक की गई. इस दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने उत्तराखंड में वनाधिकार कानून को लेकर अन्य दलों के कई लोगों के साथ विधानसभा पहुंचे. जहां पर उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपते हुए उत्तराखंड में वनाधिकार कानून को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की मांग की. उन्होंने कहा कि जब तक उत्तराखंड को वनाधिकार कानून नहीं मिलेगा, तब तक राज्यवासियों को उनका अधिकार नहीं मिल पाएगा.

वनाधिकार को लेकर जानकारी देते किशोर उपाध्याय.


बीते लंबे समय से उत्तराखंड वासियों के हक हकूकों के नाम पर वनाधिकार मांग को लेकर प्रयासरत कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय एक बार फिर विधानसभा पहुंचे. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट समेत यूकेडी और कई अन्य दलों के बड़े नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल से मुलाकात की. साथ ही उन्हें ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि उत्तराखंड में 70 फीसदी से ज्यादा भूभाग वनों से आच्छादित है. एक ओर इन जंगलों पर केंद्र अपना आधिपत्य जताती है, जो उत्तराखंड के जनमानस के अधिकारों का हनन है. ऐसे में राज्यवासियों को उनका अधिकार मिलना चाहिए.

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पूर्व कांग्रेस उपाध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि प्रदेशवासियों को उनके अधिकार दिलाने और सरकार पर मामले को लेकर दबाव बनाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से मांग की गई है. जिससे यहां के लोगों को जंगलों को लेकर अधिकार मिल सके. सरकारों की गलत नीतियों के चलते आज जीवन देने वाले जंगल उत्तराखंड के लोगों के लिए अभिशाप बन चुके हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के विकास की राह में वन सबसे बड़ा दुश्मन है. ऐसे में सरकार को जनता की इस समस्या पर गौर करना चाहिए. जल्द से जल्द वनाधिकार के तहत लोगों को इसका लाभ मिलना चाहिए.

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