देहरादून:उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने की आशंका को देखते हुए शासन की तरफ से एक बार फिर प्रदेशभर में अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गये हैं. उधर, प्रशासन की तरफ से भी चेकिंग अभियान तेज कर दिया गया है. त्योहारी सीजन के कारण बाजारों में भीड़-भाड़ के अंदेशे और भारत सरकार द्वारा सर्दी के मौसम की शुरुआत के चलते प्रदेश में सतर्कता बरतने के लिये एडवाइजरी जारी की गई है.
बॉर्डर पर टेस्ट फ्री-
- उत्तराखंड आने वाले यात्रियों की अब बॉर्डर पर फिर से कोरोना टेस्टिंग शुरू की जाएगी.
- बॉर्डर पर होने वाले ये रैपिड टेस्ट फ्री कर दिए गए हैं. डीएम देहरादून आशीष कुमार श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की है.
- इससे पहले उत्तराखंड ने राज्य में आने वाले लोगों के लिए कोविड-19 अनिवार्यता को खत्म कर दिया था.
- कोरोना संक्रमण को लेकर शुरुआत में राज्य में आने वाले लोगों से 2000 से लेकर 2400 रुपए तक कोरोना टेस्ट के लिए चार्ज लिया जा रहा था.
- उत्तराखंड में कोरोना टेस्ट सरकारी अस्पतालों में शुरू से ही मुफ्त रखे गए हैं, जबकि निजी चिकित्सालयों में शुरुआती दौर में 2000 से 2400 लिए जा रहे थे लेकिन बाद में इस रेट को तय कर दिया गया था.
- तय किए गए रेटों के अनुसार फिलहाल निजी चिकित्सालय में रैपिड टेस्ट के लिए ₹719 जबकि RT-PCR टेस्ट के लिए 1400 निश्चित किए गये हैं.
- मौजूदा कोरोना काल के बाद लगभग रोजाना सहारनपुर और हरिद्वार की सीमा से देहरादून में दाखिल होने वाली गाड़ियों की संख्या 1500-1700 है. प्रशासन के लिये ये एक बड़ी चुनौती होगी कि इतनी बड़ी संख्या में रेपिड टेस्ट को कैसे अंजाम दिया जाएगा.
उधर, कोविड के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ ही संबंधित विभागाध्यक्षों के जरिये व्यापारियों और आम जनता से भी लगातार एहतियात बरतने के लिये कहा जा रहा है. स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि कोविड-19 की रोकथाम और इस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए आयुष्मान भारत ऑफिस में हेल्पलाइन स्थापित की गई है. यहां पर आयुष्मान भारत के अंतर्गत उपलब्ध डाटा के आधार पर कंट्रोल रूम की 40 टेलीफोन लाइनों के द्वारा प्रतिदिन 3-4 हजार लोगों से सम्पर्क कर उनके हाल-चाल लिये जा रहे हैं.
यदि किसी में बेसिक लक्षण पाये जाते हैं तो उनके उपचार के साथ ही सैंपलिंग आदि की भी व्यवस्था की जा रही है. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कोरोना से प्रभावित लोगों के इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए. किसी को भी इससे सम्बन्धित कोई परेशानी हो रही हो तो उन्हें अपने इलाज में शीघ्रता से चिकित्सकों का परामर्श ले लेना चाहिए. इलाज में विलंब होने पर खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में टेस्टिंग रेट 10-12 हजार प्रतिदिन है. प्रयास है कि पर्वतीय क्षेत्रों में 48 घंटे तथा मैदानी इलाकों में 24 घंटे में टेस्टिंग हो जाए.