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7 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे आंदोलनकारी की बिगड़ी तबीयत, मांगों को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी

उत्तराखंड में सिंचाई विभाग में कनिष्ठ अभियंता के 228 पदों को सम्मिलित कराए जाने को (228 posts of Junior Engineer in Irrigation Department) लेकर आज परेड ग्राउंड में प्रदर्शन करने जारी रहे छात्रों को पुलिस ने रोक दिया. वहीं, बावजूद इसके छात्रों ने सरकार को चेताने के लिए मौन व्रत, मानव श्रृंखला और नुक्कड़ नाटक आदि करके अपने विरोध जताया. इस दौरान 7 दिनों से धरनास्थल पर आमरण अनशन पर बैठे अक्षय कुमार तबीयत बिगड़ गई.

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Published : Oct 11, 2022, 8:01 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड में सिंचाई विभाग में कनिष्ठ अभियंता के 228 पदों को सम्मिलित कराए जाने (228 posts of Junior Engineer in Irrigation Department) को लेकर छात्र आंदोलनरत हैं. ऐसे में आज बेरोजगार संघ द्वारा बेरोजगार मेले का आयोजन किया जाना था. जिसमें सभी बेरोजगार छात्रों ने परेड ग्राउंड में चाय, कढ़ी चावल और पकौड़े का स्टॉल लगाकर अपना विरोध दर्ज कराना था लेकिन पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को ऐसा करने से रोक दिया. वहीं, इस दौरान 7 दिनों से धरना स्थल पर आमरण अनशन पर बैठे अक्षय कुमार तबीयत बिगड़ गई, जिसे आनन-फानन में कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

आज बेरोजगार संघ की ओर से सिंचाई विभाग में कनिष्ठ अभियंता के 228 पदों को सम्मिलित कराए जाने को लेकर परेड ग्राउंड में प्रदर्शन किया जाना था, लेकिन उससे पहले ही प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोक दिया. बावजूद इसके छात्रों ने 228 सेकेंड का मौन व्रत, 228 सेकेंड की मानव श्रृंखला और नुक्कड़ नाटकों के जरिए हास्य मंचन आदि कार्यक्रम आयोजित किये. इसके माध्यम से तकनीकी छात्रों ने सरकार को यह संदेश देने की कोशिश की कि यदि जल्द इन 228 पदों को वर्तमान में गतिमान संयुक्त कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा 2021 में सम्मिलित नहीं किया गया तो उनका आंदोलन आगे भी जारी रहेगा.

7 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे अक्षय कुमार की बिगड़ी तबीयत.

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इधर, बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार ने बताया कि विगत 7 दिनों से धरना स्थल पर आमरण अनशन पर बैठे अक्षय कुमार की हालत बहुत ज्यादा गंभीर हो गई थी, जिसको देखते हुए मेडिकल टीम ने उन्हें कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती करा दिया है. तकनीकी छात्र छात्राओं ने सरकार को चेताया कि 17 अक्टूबर को सभी छात्र महारैली करने जा रहे हैं. ऐसे में यदि सरकार ने 17 तारीख तक इस विषय को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की तो सभी छात्र दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे.

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