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उत्तराखंड की धार्मिक यात्राओं में मिलेगी स्वास्थ्य सुविधा, AIIMS ऋषिकेश और विश फाउंडेशन के बीच MoU साइन - पर्यटकों को स्वास्थ्य सेवाएं

AIIMS Rishikesh And Wish Foundation Did MoU Signed एम्स ऋषिकेश और विश फाउंडेशन के बीच एमओयू साइन होने के बाद उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा होगा. ताकि, देश विदेश से आने वाले यात्रियों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके.

AIIMS Rishikesh Mou
AIIMS ऋषिकेश और विश फाउंडेशन के बीच MoU साइन

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 17, 2023, 1:56 PM IST

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स ऋषिकेश और विश फाउंडेशन के बीच अहम एमओयू साइन हुआ है. दोनों संस्थाओं के बीच इस करार का उद्देश्य उत्तराखंड की चारधाम यात्रा समेत अन्य धार्मिक यात्राओं के दौरान हेल्थ केयर के मामलों में सहयोग प्रदान करना है. वहीं, एम्स संस्थान की ओर से कार्यकारी निदेशक मीनू सिंह और विश फाउंडेशन की ओर से फाउंडेशन के सीईओ राकेश कुमार ने हस्ताक्षर किए.

एमओयू के तहत एम्स ऋषिकेश राज्य में होने वाली धार्मिक यात्राओं में हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का आकलन करेगा. इसके अलावा बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए निर्देशन और एसओपी तैयार करेगा. करार के मद्देनजर एम्स चारधाम समेत अन्य यात्राओं से जुड़े राज्य सरकार के हेल्थ केयर वर्करों व अन्य लोगों, जो यात्रा में यात्रियों की बेहतर स्वास्थ्य के लिए मददगार साबित हो सकते हैं, ऐसे तमाम लोगों को ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार कर प्रशिक्षित करेगा. इसके अलावा तमाम एसओपी, प्रोटोकॉल्स और ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार कर क्वालिटी कंट्रोल के लिए क्लिनिकल ऑडिट भी करेगा.
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एम्स कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने बताया कि धार्मिक यात्राओं पर आने वाले देश-विदेश के तीर्थयात्रियों व पर्यटकों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा रहा है. चारधाम और कुंभ मेला जैसी धार्मिक यात्राओं में देश विदेश के करोड़ों तीर्थयात्री यहां आते हैं, लिहाजा, एम्स पहले की तरह यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए तैयार है. एम्स के चारधाम यात्रा हेल्थ नोडल अधिकारी ने बताया कि पूर्व में भी चारधाम यात्रा के लिए एम्स संस्थान ने मास्टर ट्रेनर चिकित्सक तैयार किए थे, जो कि उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक थे.

AIIMS ऋषिकेश और विश फाउंडेशन के बीच MoU साइन

जबकि वर्तमान में संस्थान यात्रा के लिए उत्तराखंड के सभी 13 जिलों के चालक-परिचालकों फर्स्ट स्पॉन्डर को प्रशिक्षित कर रहा है. उन्होंने बताया कि बीते सालों में भी एम्स ने कई मौकों पर हेल्थ एसओपी, प्रोटोकॉल, ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार किए, जिसे राज्य सरकार ने अपनाया और क्रियान्वयन किया है. वहीं, विश फाउंडेशन (वाधवानी इनिशिएटिव फॉर सस्टेनेबल हेल्थ) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भी काम कर रही है.

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