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घरों में कैद लोग हो रहे दूसरी बीमारियों के शिकार, एम्स डॉक्टर्स इस तरह कर रहे मदद - एम्स ऋषिकेश

ऋषिकेश एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि देश में जारी लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों में कैद हैं. ऐसे में लोग गैस्टिक, एसिडिटी और एंजाइटी जैसी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं.

घरों में कैद लोग हो रहे दूसरी बिमारियों के शिकार
घरों में कैद लोग हो रहे दूसरी बिमारियों के शिकार

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Published : Apr 19, 2020, 11:26 AM IST

Updated : Apr 19, 2020, 12:24 PM IST

ऋषिकेश:जानलेवा कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरे देश में सरकार द्वारा लॉकडाउन किया गया है. ताकि, लोग अपने घरों में सुरक्षित और स्वस्थ्य रहें. लेकिन, इतने दिनों तक घरों में रहने की वजह से लोगों में कई तरह की अन्य बीमारियां भी पैदा होने लगी हैं.

घरों में कैद लोग हो रहे दूसरी बिमारियों के शिकार

ऐसे में गैस्टिक,एसिडिटी और एंजाइटी की समस्याएं अधिक सामने आने लगी हैं. वहीं एम्स डॉक्टरों ने बताया कि इस बाबत एक दिन में 800 लोगों ने फोन पर संपर्क कर परामर्श लिया है.

गौरतलब है कि, कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं. वहीं घरों में रहने की वजह से लोगों में कई अन्य तरह की बीमारियां पैदा हो रही हैं. एम्स द्वारा जारी की गई टेलीमेडिसिन सुविधा का लाभ लेते हुए एक ही दिन में 800 लोगों ने फोन पर डॉक्टरों से संपर्क कर परामर्श लिया है.

डॉक्टरों के मुताबिक एम्स के द्वारा जारी किए गए नंबरों पर अधिकतम लोग गैस्टिक,एसिडिटी और एंजाइटी जे जुड़ी बीमारियों को लेकर परामर्श ले रहे हैं.

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वहीं टेलीमेडिसिन की इंचार्ज डॉक्टर वर्तिका सक्सेना ने बताया कि एम्स के द्वारा जारी किए गए नंबरों पर लोग कोरोना को लेकर तो परामर्श ले ही रहे हैं. साथ ही, सबसे अधिक लोगों के गैस्टिक, एसिडिटी, एंजाइटी, रेडियो थेरैपी और मनोरोग जैसी बीमारियों के लिए लगातार फोन आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वीडियो कॉलिंग के माध्यम से भी लोगों को समझाया जा रहा है.

Last Updated : Apr 19, 2020, 12:24 PM IST

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