उत्तराखंड

uttarakhand

By

Published : Jan 22, 2021, 7:29 PM IST

ETV Bharat / state

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना, कृषि मंत्री उनियाल ने ली समीक्षा बैठक

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत मजबूत परियोजना प्रबन्धन फ्रेमवर्क की स्थापना की जायेगी. योजना के तहत पात्रता मापदंड, समूह श्रेणी हेतु सहायता, कॉमन इन्फ्रास्ट्रक्चर, ब्राडिंग एवं विपणन, अनुदान हेतु बैंक के साथ समन्वय विषय पर भी विस्तार से समीक्षा की गई.

review meeting news
समीक्षा बैठक

देहरादून: किसानों की आर्थिक सुधारने और 2022 तक उनकी आय को दोगुनी करने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य की कई योजनाएं चल रही है. जिसकी समय-समय पर सूबे के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल मॉनिटरिंग कर रहे है. शुक्रवार को उन्होंने विधानसभा में कृषि और कृषक कल्याण विभाग के अन्तर्गत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की.

इस दौरान आत्म निर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत खा.प्र. उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा केंद्र पोषित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना प्रारम्भ की गई है. जिसका क्रियान्वयन केन्द्र और राज्य के मध्य 90:10 के अनुपात में वित्तीय वहन किया जायेगा. योजना का उद्देश्य कृषकों की आय बढ़ाना और उद्यमी के रूप में स्थापित करना है.

पढ़ें-उत्तराखंड कैबिनेट बैठक शुरू, इन प्रस्तावों पर होगी चर्चा

बैठक में मंत्री सुबोध उनियाल को जानकारी देते हुए बताया गया प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत मजबूत परियोजना प्रबन्धन फ्रेमवर्क की स्थापना की जाएगी. योजना के तहत पात्रता मापदंड, समूह श्रेणी हेतु सहायता, कॉमन इन्फ्रास्ट्रक्चर, ब्राडिंग एवं विपणन, अनुदान हेतु बैंक के साथ समन्वय विषय पर भी विस्तार से समीक्षा की गई.

बैठक में बताया गया है कि प्रोसेसिंग, मार्केटिंग, ब्रेंडिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिये योजना बनाई जाएगी. योजना के अन्तर्गत उन्नयन हेतु विद्यमान असंगठित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को परियोजना लागत का 35 प्रतिशत अधिकतम दस लाख रुपए तक की क्रेडिट-लिंक्ड राज सहायता प्रदान की जायेगी. अधिकतम 10 लाख तक की सब्सिडी दी जायेगी. लाभार्थी का अंश कुल प्रस्ताव की धनराशि का न्यूनतम 10 प्रतिशन होना चाहिये व अवशेष धनराशि बैंक ऋण के रूप में होगी. दस लाख से अधिक के अनुदान हेतु कोई भी प्रस्ताव आता है तब इसके अनुमोदन हेतु खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार को भेजा जायेगा. इसके बाद ही 10 लाख से अधिक अनुदान मिल सकेगा.

पढ़ें-खुशखबरी: प्रमोशन पाने का मौका, मई में होगी उत्तराखंड पुलिस की रैंकर परीक्षा

इसके अलावा पूर्व से कार्यरत ओडीओपी आधारित सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को वरियता दी जायेगी. इस योजना के अन्तर्गत तकनीकी ज्ञान, कौशल प्रशिक्षण और हैंड-होल्डिंग सहायता सेवाओं के माध्यम से उद्यमियों की क्षमता निर्माण कराना है.

इसके साथ ही प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिये मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों को ऋण दिलाना है. सूक्ष्म उद्योगों को साझा सेवाओं का लाभ देने हेतु कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), उत्पादक सहकारिताओं और सहकारी समितियों को उनकी सम्पूर्ण मूल्य श्रृंखला में सहायता करना है.

योजना के अन्तर्गत एक जिला एक उत्पाद के चयन से कृषि उत्पादों की खरीद, साझा सेवाओं का लाभ लेने और उत्पादों के विपणन को बढ़ावा देना है. इसके साथ वैल्यू चैन व बुनियादी ढ़ाचे के विकास के लिये रूप रेखा प्रदान करेगा. योजना के क्रियान्वयन हेतु राज्य स्तर पर निदेशक उद्यान को नोडल अधिकारी नामित किया गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details