ऋषिकेश/देहरादूनः विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 3 मई से शुरू होने जा रही है. यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. ऐसे में यात्रा के प्रथम पड़ाव तीर्थनगरी ऋषिकेश से यात्रा मार्ग पर जाने के लिए करीब 900 बसों की अग्रिम बुकिंग हो चुकी है. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार श्रद्धालुओं को बसों की कमी का सामना करना पड़ सकता है. व्यवस्था बनाने के लिए यात्रा कराने वाली 9 परिवहन कंपनियों ने सरकार से अतिरिक्त बसों की व्यवस्था करने के लिए मांग की है.
गौरतलब है कि साल 2019 से कोरोना काल होने के कारण 2 साल तक चारधाम यात्रा नहीं चली. इस दौरान करीब 250 बसें अपनी आयु सीमा पूरी होने पर कबाड़ में चली गई. यात्रा नहीं चलने की वजह से मालिकों ने नई बसों को नहीं खरीदा. ऐसे में चारधाम यात्रा मार्ग पर जाने वाली करीब 1400 बसों के बेड़े में 250 बसों की कमी हो गई है. बात 2019 से पहले की करें तो तब भी इन बसों की संख्या यात्रा के पीक महीने में कम पड़ती थी. ऐसे में प्रशासन की ओर से कुमाऊं और गढ़वाल रोडवेज की बसों को यात्रा मार्ग पर भेजकर तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान की जाती थी.
15 अप्रैल से बनेंगे ग्रीन कार्डः इस बार यात्रा के बेहतर चलने की उम्मीद लगाए बैठे परिवहन कारोबारियों के साथ सरकार तीर्थ यात्रियों को खुले मन से उत्तराखंड आगमन का न्योता दे चुकी है. उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर ने बताया कि बसों की संख्या यात्रा के दौरान कम न पड़े इसलिए पहले से ही सरकार के सामने बसों की व्यवस्था करने की मांग रखी जा चुकी है. उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल से ग्रीन कार्ड बनने शुरू हो जाएंगे. इस बार देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी चारधाम यात्रा पर जाने के लिए श्रद्धालुओं के फोन इंक्वायरी के लिए लगातार आ रहे हैं. इससे परिवहन कारोबारियों के चेहरे खिले हुए हैं.
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