देहरादून: उत्तराखंड में बॉन्ड भरकर सरकारी मेडिकल कॉलेज में सस्ती शिक्षा का सपना देख रहे छात्रों को शासन स्तर से झटका मिला है. इस साल के एडमिशन प्रवेश सत्र में नये नियमों के तहत हल्द्वानी और देहरादून मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को बॉन्ड भरकर सस्ती शिक्षा नहीं ले पाएंगे. इसके साथ ही अन्य राजकीय मेडिकल कॉलेज के छात्रों के लिए भी नियम कड़े कर दिए गए हैं.
राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन नियमों में हुए बदलाव. उत्तराखंड में चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत जारी हुए आदेश के तहत अब हल्द्वानी और देहरादून मेडिकल कॉलेजों में बॉन्ड सुविधा नहीं मिलेगी. छात्र सिर्फ श्रीनगर और अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में बॉन्ड भर सकते हैं. ये आदेश सचिव नितेश झा की तरफ से जारी किया है.
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वहीं, मेडिकल कॉलेजों में जूनियर और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की कमी को देखते फैसला लिया गया है कि अब पास आउट छात्र को पहले 1 साल मेडिकल कॉलेजों में अपनी सेवा देनी होगी. इसके बाद 2 सालों तक दुर्गम क्षेत्रों में और फिर 2 साल तक जिला स्तर के चिकित्सालय में अपनी सेवाएं देनी होंगी.
शासनादेश में मेडिकल कॉलेजों की 50 पर्सेंट सीट राज्य कोटे से जबकि 50% ऑल इंडिया मैनेजमेंट कोटे से भरे जाने के भी आदेश दिये गए हैं. बता दें कि बॉन्ड भरने वाले छात्रों को ₹50000 सालाना फीस के आधार पर एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने का मौका मिलता था. लेकिन अब सभी छात्रों को पढ़ने के लिए ₹400000 सालाना देने होंगे.