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दून में सरकारी भूमि पर बने मकानों को किया गया ध्वस्त, मसूरी में MDDA ने गौशाला और फ्लैट्स सील किए

देहरादून और मसूरी में शुक्रवार को प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की. एक तरफ जहां देहरादून में नगर निगम की टीम ने सरकारी भूमि पर बनाए गए सात पक्के टीन सेट मकानों को ध्वस्त किया तो वहीं मसूरी में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने गौशाला और फ्लैट्स को सील किया.

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Published : Jun 30, 2023, 9:06 PM IST

देहरादून: नगर निगम द्वारा शहर में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाते हुए अतिक्रमण को ध्वस्त किया जा रहा है. इसी कड़ी में आज नगर निगम की टीम ने पुलिस बल के साथ दौड़ वाला मथुरावाला में सरकारी भूमि पर हो रहे अतिक्रमण कर कार्रवाई करते हुए 7 पक्के टीन सेट मकानों को पूरी तरह से ध्वस्त किया है. साथ ही अधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दोबारा से लोगों द्वारा अतिक्रमण किया जाता है, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

नगर आयुक्त मनुज गोयल ने बताया कि नगर निगम और प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर शहर में किए गए सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को ध्वस्त करने का काम किया जा रहा है. शहर में सरकारी भूमि पर किए गए कब्जों को काफी हद तक हटा दिया गया है. उन्होंने बताया कि आज की कार्रवाई में कुल .05 हेक्टेयर सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया है.

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के बिना मसूरी नगर पालिका द्वारा मानचित्र स्वीकृत कराए जा रहे निर्माणों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. जिसके तहत मसूरी झड़ीपानी कोलूखेत मार्ग पर मसूरी नगर पालिका परिषद द्वारा बिना मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के बनाए गए गौशाला और फ्लैट्स को प्राधिकरण के सहायक अभियंता और अपर अभियंता के नेतृत्व में सील कर दिया गया है. जिसके बाद एक बार फिर नगर पलिका परिषद द्वारा मसूरी में कराए जा रहे निर्माण कार्यों पर सवाल खड़े होने लगे हैं.

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के सहायक अभियंता अभिषेक भारद्वाज ने बताया कि नगर पालिका द्वारा मसूरी झड़ीपानी कोलूखेत मार्ग पर बिना प्राधिकरण से नक्शा स्वीकृति कर गौशाला और फ्लैट्स का निर्माण कराया गया है. जिस पर विभाग द्वारा संयुक्त सचिव प्राधिकरण के कोर्ट में वाद आयोजित किया गया था. वाद की सुनवाई करते हुए नगर पालिका को उक्त निर्माण को लेकर नोटिस दिया गया था और निर्माण को रोकने का निर्देश दिए गए थे, लेकिन नगर पालिका द्वारा अवैध निर्माण को नहीं रोका गया.

वाद के दौरान भी पालिका प्रशासन द्वारा बनाए जा रहे गौशाला और फ्लैट्स के निर्माण को लेकर संयुक्त सचिव के सम्मुख कोई ठोस कारण नहीं बताया गया, जिस पर संयुक्त सचिव और उच्च अधिकारियों द्वारा उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973) संशोधन अधिनियम 2009 की धाराओं का उल्लंघन किए जाने पर उक्त अवैध निर्माण को सील करने के निर्देश दिए गए. जिसके तहत आज अवैध रूप से बनाए जा रहे गौशाला और फ्लैट्स को सील कर दिया गया है.
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मसूरी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने बताया कि गौशाला शासन की योजना के तहत बनाए जा रहा था. गौशाला के निर्माण के लिए शासन से ही धन स्वीकृत किया गया है. उन्होने कहा कि पूरे मामले को लेकर वह शासन को अवगत कराएंगे.
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