देहरादून: धामी सरकार द्वारा सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त किये जाने के लिए दिए गए निर्देशों के तहत जिला प्रशासन द्वारा तहसील सदर अन्तर्गत अतिक्रमण पर बड़ी कार्रवाई की गई. सदर तहसील क्षेत्र में 03 और तहसील विकासनगर अंतर्गत 01 स्थान पर सरकारी भूमि पर से अतिक्रमण हटाया गया.
देहरादून में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाया गया देहरादून में हटाए गए अतिक्रमण: जिलाधिकारी के निर्देशन पर राजस्व और सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देश दिए गए थे. ग्राम डांडा नूरीवाला के निवासियों द्वारा यह शिकायत की गयी थी कि असगर निवासी डांडा लखौण्ड द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर सरकारी भूमि अन्य व्यक्तियों को मोटे दामों पर बेची जा रही है.
सरकारी जमीन पर प्लॉट बनाकर बेच दिए थे सरकारी जमीन की प्लॉटिंग कर बेच डाली! इस शिकायत के बाद एसडीएम के नेतृत्व में राजस्व विभाग और नगर निगम की टीम द्वारा जांच की गयी. जांच में शिकायत सही पाई गई. मौके पर कंचन पासवान, धर्मपाल सिंह, हरवीर सिंह इत्यादि व्यक्तियों द्वारा मौजा डांडा नूरीवाला के खसरा नंबर 44 पर अवैध रूप से टिनशेड भवन बनाकर अतिक्रमण होना पाया गया. अतिक्रमण को नगर निगम की जेसीबी की मदद से ध्वस्त कराया गया.
15 बीघा सरकारी जमीन अतिक्रमण मुक्त कराई गई 15 बीघा सरकारी जमीन अतिक्रमण मुक्त कराई गई: विशाल सिद्ध आदि द्वारा भी अतिक्रमण किया गया था, जिसे हटवाया गया. इस दौरान लगभग 10 बीघा सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है. सरकारी भूमि को अपनी भूमि बताकर बेचने के कारण असगर और फिरोज आदि के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया है. जाखन में नगर निगम की भूमि पर गेट लगाकर किये जा रहे अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया. इसी प्रकार डांडा लखौण्ड पर 05 बीघा भूमि पर किये जा रहे अतिक्रमण को अतिक्रमण मुक्त किया गया.
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नाले पर बनाई जा रही दुकानें ध्वस्त की गईं: विकासनगर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम भगवन्तपुर में नाले की जमीन पर पुश्ता लगाकर कब्जा किया जा रहा था. यहां 05 दुकानें और बनाई जा रही थी. अतिक्रमण विरोधी टीम ने दुकानों का ध्वस्तीकरण करते हुए सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया. जिलाधिकारी सोनिका ने बताया है की सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ नगर निगम और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम भारी पुलिस बल के साथ अतिक्रमण को संयुक्त अभियान चला कर हटाने की कार्रवाई कर रही है. नगर निगम की भूमि में अतिक्रमणकारियों द्वारा बनायी गयी दीवार को ध्वस्त करते हुए नगर निगम के स्वामित्व की भूमि होने का बोर्ड लगाया गया है.
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