देहरादून:उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी का उत्तराखंड में लॉकडाउन उल्लंघन का मामला गरमाता जा रहा है. इस मामले पर अधिकारी कुछ भी कहने के बचते हुए नजर आ रहे हैं. इस बारे में जब ईटीवी भारत ने अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश से बात करनी चाही तो उन्होंने नो कमेंट कहकर मामले से पल्ला झाड़ दिया. अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अनुमति के बाद देहरादून जिला प्रशासन ने विधायक त्रिपाठी को बदरीनाथ-केदारनाथ जाने की अनुमति दी थी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के श्राद्ध की बात कहकर बदरीनाथ जाना चाह रहे थे, लेकिन इस बीच कर्णप्रयाग में प्रशासन ने उन्हें रोक लिया और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की. इस दौरान विधायक त्रिपाठी के साथ 10 और लोग भी मौजूद थे. विधायक त्रिपाठी को बदरीनाथ जाने के दो पास मिले थे. ये दोनों पास देहरादून जिला प्रशासन और शासन से अपर मुख्य सचिव की अनुमति के बाद मिले थे.
पढ़ें-सीएम योगी के भाई महेंद्र सिंह बिष्ट ने अमनमणि त्रिपाठी को लेकर जताई नाराजगी
लॉकडाउन के दौरान अमनमणि को कैसे बदरीनाथ जाने का पास दे दिया गया जबकि बदरीनाथ के कपाट अबतक खुले भी नहीं हैं. ये ही नहीं, विधायक त्रिपाठी के साथ 10 अन्य लोगों को शासन और प्रशासन ने कैसे अनुमति दे दी. इसको लेकर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने पास जारी करने वाले अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश से बात करनी चाही तो उन्होंने इस मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है.
पढ़ें-यूपी के MLA अमनमणि त्रिपाठी के बदरीनाथ पास पर कांग्रेस ने उठाया सवाल
सवाल यह भी खड़ा होता है कि अमनमणि त्रिपाठी जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ से चले थे वह कैसे लॉकडाउन के बीच पूरा उत्तर प्रदेश पार करते हुए उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश कर गए. हरिद्वार जिले से होते हुए वे कैसे रुद्रप्रयाग, टिहरी जिले और चमोली जिले के कर्णप्रयाग पहुंच गए? इतने लंबे रास्ते में उन्हें किसी ने रोका क्यों नहीं? लेकिन इनमें से किसी भी सवाल का जवाब अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश के पास नहीं है.
उधर, योगी आदित्यनाथ के भाई महेंद्र सिंह बिष्ट ने पूरे प्रकरण पर ईटीवी भारत से बात करते हुये कहा है कि अमनमणि कौन होते हैं उनके पिता का श्राद्ध करने वाले. उनको अनुमति देना किसी भी तरह से सही नहीं है.