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यूपी पुलिस को लेकर दिए बयान पर राधा रतूड़ी की सफाई, बोलीं- हमारा ध्येय निर्दोष को न हो सजा

यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने जो बयान दिया था, उस पर पलटी मार ली है. पहले जहां उन्होंने आरोप लगाया था कि यूपी पुलिस केस सॉल्व करने के लिए निर्दोष का फंसाती है. वहीं अब उन्होंने अपने इस बयान पर यूटर्न लेते हुए सफाई दी.

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Published : Oct 17, 2022, 10:28 PM IST

Updated : Oct 17, 2022, 10:33 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड शासन में अपर मुख्य सचिव गृह के पद पर तैनात वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी ने सोमवार को जोश-जोश में यूपी पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सनसनीखेज बयान दे दिया था. हालांकि जैसे ही उनके इस बयान पर सवाल खड़े किए तो उन्होंने इस मामले में यू-टर्न लेते हुए सफाई दी. अब आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी ने कहा कि यूपी और उत्तराखंड सहित सभी राज्यों की पुलिस अच्छा काम कर रही है. उन्हें उम्मीद है कि निर्दोष को किसी भी मामले में नहीं फंसाया जाएगा और पुलिस केवल दोषियों पर कार्रवाई करेगी.

पहले का विवादित बयान: दरअसल, अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने सोमवार को उत्तराखंड सचिवालय देहरादून में प्रेस वार्ता की थी. इस दौरान उसने उधमसिंह नगर जिले के कुंडा थाना क्षेत्र में यूपी पुलिस की कार्रवाई और उसमें ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख की पत्नी की गोली लगने से हुई मौत के बारे में सवाल किया गया था. इस पर अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने कहा था कि यूपी पुलिस निर्दोष लोगों को पकड़कर केस सॉल्व करती है. अगर पुलिस निर्दोष को सजा देगी तो 99 नए अपराधी तैयार होंगे.

यूपी पुलिस को लेकर दिए बयान पर राधा रतूड़ी की सफाई.
पढ़ें- 'यूपी पुलिस निर्दोष लोगों को पकड़ केस सॉल्व करती है', ACS गृह राधा रतूड़ी का सनसनीखेज बयान

सफाई: अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी के इस बयान के बाद यूपी और उत्तराखंड पुलिस को बीच कुंडा को लेकर शुरू हुआ विवाद कम होने के बजाय बढ़ गया. हालांकि अपने इस बयान के कुछ ही घंटों बाद अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने यूटर्न लिया और नया बयान जारी करते हुए कहा कि दोनों प्रदेशों की पुलिस अच्छा काम कर रही है. वो सिर्फ ये कहना चाहती है कि किसी भी निर्दोष को सजा न हो.

क्या का कुंडा का मामला: दरअसल, इन दिनों यूपी और उत्तराखंड पुलिस कुंडा कांड को लेकर आमने-सामने है. बता दें कि यूपी पुलिस की टीम बीती 12 अक्टूबर की शाम को मुरादाबाद जिले से लगे काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र के भरतपुर गांव में ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख गुरताज के यहां दबिश देने पहुंची थी. यूपी पुलिस के सभी लोग सिविल ड्रेस में थे. यूपी पुलिस को शक था कि यूपी का खनन माफिया जफर जिसने कुछ दिनों पहले प्रशासनिक अधिकारी को बंधक बनाया था, वो ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख गुरताज के घर में छिपा हुआ है.
पढ़ें-उधम सिंह नगर में 9 महीने में 37 हत्याएं, अवैध खनन व जमीनी विवाद बन रहा खूनी संघर्ष की वजह

इस दौरान वहां पर काफी हंगामा और उसी दौरान गोलीबारी भी हुई है, जिसमें से एक गोली ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख गुरताज की पत्नी गुरप्रीत को लग गई और उसकी मौत हो गई. गुरप्रीत की मौत के बाद गुस्साएं लोगों ने यूपी पुलिस के साथ भी मारपीट की. सूचना मिलते ही स्थानीय थाने कुंडा से उत्तराखंड पुलिस भी मौके पर पहुंची और जैसे-कैसे यूपी पुलिस के जवानों को वहां से निकाला.

इस मामले में गुरताज की तहरीर पर यूपी पुलिस के खिलाफ कुंडा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं यूपी पुलिस ने अपने यहां मुकदमा दर्ज किया है. इस घटना के बाद दोनों पुलिस आमने-सामने है. इसी मामले पर सोमवार को प्रेस वार्ता के दौरान उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने बयान दिया कि यूपी पुलिस केस सॉल्व करने के लिए निर्दोष लोगों को फंसाती है.

Last Updated : Oct 17, 2022, 10:33 PM IST

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