दूसरे दिन भी शक्तिनहर किनारे अवैध कब्जों पर चला पीला पंजा विकासनगर: शक्ति नहर किनारे अतिक्रमण पर दूसरे दिन भी निगम का बुलडोजर चला. दूसरे दिन भी भारी पुलिस बल के बीच यूजेवीएनएल की जमीन से अवैध कब्जे हटाये गये. शक्तिनहर किनारे अभी तक 500 अवैध मकानों का ध्वस्तीकरण किया गया है. विभाग और प्रशासन की मौजूदगी में शक्ति नहर किनारे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी है.
उत्तराखंड जल विद्युत निगम की जमीन पर हुए अवैध कब्जे हटाने को करीब 600 परिवारों को नोटिस दिया गया था. डाकपत्थर ढलीपुर तक अवैध कब्जा धारियों ने यूजर पैनल की भूमि पर अवैध कब्जा किया था. जिसे हटाने के लिए आज भी भारी संख्या में पुलिस बल, जल पुलिस, एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती की गई. कई थानों की पुलिस एसपी देहात के नेतृत्व में खुद मौके पर मौजूद रही. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से पहले ही कुछ लोगों ने अपना सामान समेटना शुरू किया. डाकपत्थर से ढालीपुर तक शक्ति नहर किनारे से सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए करीब 500 मकानों को टीम द्वारा ध्वस्त कर अतिक्रमण को हटाया गया.
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उत्तराखंड जल विद्युत निगम डाकपत्थर द्वारा पुलिस व प्रशासन के साथ डाकपत्थर बैराज से ढलीपुर विद्युत गृह तक शक्ति नहर सर्विस रोड के किनारे पर स्थित उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड की सरकारी भूमि से अतिक्रमण को हटाने के लिए व्यापक रूप से अभियान चलाते हुए नहर के दोनों और पिछले 22 वर्षों से अतिक्रमण कर बनाए गए पक्के मकानों और झोपड़ियों को हटाया गया. अभियान के दौरान पुलिस प्रशासन की टीम द्वारा नहर की बाईं तरफ अतिक्रमण कर बनाए गए पक्के मकानों और झोपड़ियों को जेसीबी की मदद से ध्वस्त किया गया.
अभियान के दौरान करीब 500 मकानों को टीम ने ध्वस्त किया. इस दौरान अतिक्रमण हटाने में 6-7 जेसीबी, 6-7 ट्रैक्टरों का प्रयोग किया गया. अभियान के दौरान सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एसपी देहात के नेतृत्व में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए. पुलिस प्रशासन की टीम द्वारा ऐतिहासिक रूप से कार्य करते हुए बिना किसी विरोध के अतिक्रमण को हटाया गया. अभियान के दौरान भारी पुलिस बल की मौजूदगी देखकर अतिक्रमणकारियों ने खुद ही सामान बाहर निकाल लिया. संपूर्ण अभियान की वीडियो रिकॉर्डिंग करते हुए निरंतर निगरानी की जा रही है.
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उत्तराखंड जल विद्युत निगम के डीजीएम हेमंत कुमार श्रीवास्तव ने कहा करीब 500 अतिक्रमण से बनाए मकानों का ध्वस्तीकरण किया गया है. बारिश के चलते अतिक्रमण हटाने का कार्य रोका गया है. बारिश रुकते ही अतिक्रमण हटाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.