देहरादूनःअपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने आज सचिवालय में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक ली. बैठक में सभी बैंक अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदान किए जाने वाले ऋण आवेदनों का त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए. इसके अलावा अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए.
अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन (Additional Chief Secretary Anand Vardhan) ने कहा कि उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में रहने वाले लोग आजीविका बढ़ाने के लिए सरकारी ऋण योजनाओं पर निर्भर हैं. उन्होंने बैंकों को निर्देश दिए कि महिला स्वयं सहायता समूहों (Women Self Help Groups) व ग्रामीणों को स्वरोजगार की ऋण योजनाओं से प्राथमिकता के आधार पर जोड़ा जाए.
एसीएस ने कहा कि राज्य के एमएसएमई (MSME) विभाग ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (Mukhyamantri Swarojgar Yojana) एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनों के तहत 8,362 आवेदकों के ऋण आवेदन बैंकों को भेजे हैं. बैठक में बैंकों को हर शुक्रवार कैंप लगाकर ऋण आवेदनों के निस्तारण के लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति ने बैंकों को दिसंबर तक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना (Veer Chandra Singh Garhwali Paryatan Swarojgar Yojana) के तहत 250 ऋण आवेदनों के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए. अभी तक इस योजना के तहत 75 स्वीकृत ऋण आवेदकों को ₹1014.31 लाख का ऋण वितरित किया जा चुका है.
उद्योग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विभाग ने केवीआईसी, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत अभी तक 2,257 आवेदकों के ऋण आवेदन पत्र बैंकों को भेजे हैं. साथ ही उद्योग विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की ओर से लाभार्थियों को ऑफलाइन ट्रेनिंग भी दी जा रही है.
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वहीं, बैंकों को अभी तक पीएम स्वनिधि के तहत 22,963 ऋण आवेदन, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 5,960, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनों के तहत 2,402, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत 2257, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत 257, होम स्टे योजना के तहत 258 ऋण आवेदन प्राप्त हुए हैं. अभी तक 34,097 ऋण आवेदनों में से विभिन्न बैंकों की ओर से 17,503 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं. बैंकों ने 8,241 ऋण आवेदन विभिन्न कारणों से निरस्त कर दिए.
ऋण आवेदनों के निरस्त होने के मुख्य कारणों में आवेदकों की ओर से ई-केवाईसी न करवाना, बैंकों की अन्य औपचारिकताएं पूरी न करना, सिबिल डिफॉल्ट, आवेदकों का बैंकों के सेवा क्षेत्र से बाहर होना है. करीब 6792 ऋण आवेदन बैंकों में विचाराधीन हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत इस वर्ष (2022-2023) में 90,494 लाभार्थियों को 1084 करोड़ 97 लाख रुपए के ऋण वितरित किए गए हैं. अनुमान है कि इससे अभी तक 2,05,517 लोगों को रोजगार मिला है.
मुख्य सचिव ने यूकेपीएफएमएस परियोजना की ली बैठकःमुख्य सचिव एसएस संधू (Chief Secretary SS Sandhu) की अध्यक्षता में सचिवालय में विश्व बैंक की ओर से वित्त पोषित यूकेपीएफएमएस परियोजना के मिड टर्म रिव्यू की बैठक (UKPFMS Project Mid term review meeting) ली. जिसमें परियोजना को लेकर अब तक की प्रगति रिपोर्ट की जानकारी ली गई. बैठक में मुख्य सचिव ने सभी विभागों के विभागाध्यक्षों से प्रोक्योरमेंट अधिप्राप्ति शिकायत क्रियाविधि पोर्टल (E Procurement Grievance Registration Mechanism Portal) में तत्काल अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा.
इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिए कि एक करोड़ रुपए से ज्यादा की सभी ई-निविदाओं को अनिवार्य रूप से उक्त पोर्टल http://pgrm.uk.gov.inपर प्रकाशित करने को कहा. साथ ही प्राप्त शिकायतों को समय से निस्तारण करने के निर्देश दिए. दरअसल, पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम के तहत उत्तराखंड में विभिन्न योजनाओं को पारदर्शी बनाने की कोशिश की जा रही है. जिसमें परियोजनाओं के ई टेंडर समेत डिजिटल पेमेंट शामिल है.