देहरादून: उत्तराखंड की शांत वादियों में बेटियां महफूज नहीं हैं. इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि बेटियों की तस्करी के मामले में देश के 10 हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड पहले पायदान पर है. साल 2019 में एनसीआरबी यानी कि नेशनल क्राइम कंट्रोल ब्यूरो की ओर से जारी की गई रिपोर्ट इस बात की तस्दीक करती है.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि प्रदेश में बच्चियों की तस्करी से जुड़े सबसे अधिक मामले कम उम्र में शादी कराने से जुड़े हैं. ज्यादातर मामले उन परिवारों से हैं, जहां घर की तंग आर्थिक स्थिति के चलते माता-पिता या रिश्तेदार खुद ही अपनी बेटी की शादी के नाम पर सौदा करते हैं. इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि हाल ही में चमोली जनपद से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया, जहां 13 साल की बच्ची की 34 वर्षीय व्यक्ति से मात्र 6 हजार रुपए के लालच में शादी करवा दी गई. यह मामला तब प्रकाश में आया जब बच्ची ने खुद अपनी आपबीती अपने स्कूल के शिक्षक को बताई.