देहरादून: इतिहास और पुराणों में अपना एक अलग महत्व रखने वाले देवभूमि उत्तराखंड में कई ऐसे पौराणिक महत्व के मंदिर हैं जो सातवीं और आठवीं शताब्दी के बताए जाते हैं. इन्हीं में से 2 मंदिरों का अस्तित्व खतरे में है. यह नक्शे से भी गायब होने की कगार पर आ गए हैं. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. इसके साथ ही उत्तराखंड के चकराता में रोमन शैली के बने ऐतिहासिक स्कॉटिश और एंजेलिक चर्च आज जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं. जल्द ही एएसआई की टीम इन चर्चों का संरक्षण करने की रणनीति बना रही है.
कुटुंबरी मंदिर के अवशेष हुए गायब: अल्मोड़ा के द्वाराहाट में स्थित एक पहाड़ी पर कुटुंबरी मंदिर के अवशेष आज नष्ट होते जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि आसपास के ग्रामीणों ने इस मंदिर के अवशेषों का इस्तेमाल किया है. यह मंदिर तकरीबन आठवीं शताब्दी में कत्यूरी शासकों द्वारा निर्मित बताया जाता है. इस क्षेत्र में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने वर्ष 1915 में इस मंदिर के साथ-साथ कुल 7 मंदिरों को अपने अधीन लिया था. वहीं इस मंदिर का जिक्र एएसआई के 1957 के अभिलेखों में मिला है. इसके बाद के घटनाक्रम में वर्ष 1964 में मंदिर के बेहद कम अवशेष मौके पर मौजूद मिले. धीरे-धीरे मंदिर का नाम-ओ-निशान मिटने लगा. बताया जाता है कि आसपास के लोगों ने मंदिर के अवशेषों का अपने घरों के निर्माण में प्रयोग किया है. हालांकि एएसआई की टीम इस पर जांच कर रही है.