मसूरी:एमपीजी कॉलेज मसूरी छात्रसंघ चुनाव का बिगुल बजने के बाद छात्र नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया, जिसको लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेताओं ने मसूरी एमपीजी कॉलेज के सभागार में प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने एनएसयूआई के छात्रसंघ अध्यक्ष प्रिंस पवार पर गंभीर आरोप लगाए. एबीवीपी छात्र नेता सुमित भंडारी ने कहा कि कॉलेज के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि जब किसी अध्यक्ष को 3 साल का समय मिला है अन्यथा 1 साल का ही छात्र संघ अध्यक्ष होता है, परंतु कोविड के बाद छात्रसंघ अध्यक्ष प्रिंस पवार का तीन साल का समय मिला.
उन्होंने कहा कि प्रिंस पवार ने तीन साल के कार्यकाल में कॉलेज और छात्रों के विकास के लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने छात्रों को सिर्फ गुमराह करने के लिए कॉलेज प्रबंधन समिति और प्रचार्य को ज्ञापन देने का काम किया, जबकि धरातल पर कॉलेज के हाल बद से बदतर हो रखे हैं. एबीवीपी छात्र नेता आदित्य पडियार ने कहा कि कॉलेज में शौचालय के बुरे हाल हैं. वहीं, पेयजल की व्यवस्था नहीं है, जो पेयजल कॉलेज में उपलब्ध हो रहा है. उसके टैंक की सफाई भी पिछले 4 सालों से नहीं हुई है. इससे साफ है कि कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष प्रिंस पवार ने कॉलेज के लिए कुछ नहीं किया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कॉलेज की लाइब्रेरी में किताबें ना के बराबर हैं और जो किताब हैं. भी उनको भी छात्रों को उपलब्ध नहीं किया जाता है. ऐसे में अगर छात्र संघ का नेतृत्व मजबूत होता, तो शायद आज कॉलेज की दिशा और दशा अलग होती.
उन्होंने कहा कि छात्रसंघ अध्यक्ष के रहते हुए कॉलेज की भूमियों पर लोगों द्वारा कब्जे कर लिए गए लेकिन छात्रसंघ अध्यक्ष ने इस को लेकर कभी आवाज ही नहीं उठाई है. वहीं, कॉलेज में शिक्षकों की भर्ती को लेकर एक बड़ा घोटाला किया जा रहा था, जिसको लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा विरोध किया और शिक्षकों की भर्ती को नियमानुसार करवाने की अपील की गई.