देहरादून:डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले सात महीने से फरार मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को रायपुर से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है. आरोपी ने पीएसीएल और पीजीएफ लिमिटेड की जमीन को फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी बनाकर 6 लोगों को बेच दिया था.
बता दें एसटीएफ निरीक्षक अब्दुल कलाम ने एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया कि पीजीएफ के कर्मचारी सिकंदर सिंह के नाम का एक फर्जी व्यक्ति भू-माफियाओं अमित चौधरी, अंकित वर्मा, विजय कुमार सिंह, राजेश अग्रवाल, नदीम से मिला हुआ है. इनके द्वारा पीएसीएल और पीजीएफ लिमिटेड की स्वामित्व की भूमि जो आमवाला तरला सहस्त्रधारा रोड पर स्थित है, उस ज़मीन पर कब्जा किया जा रहा है. इनके द्वारा सिकंदर नाम के व्यक्ति का फर्जी आधार कार्ड इस्तेमाल कर फर्जी और फर्जी रजिस्ट्रीयों की जा रही है. व्यक्तियों द्वारा एक सामूहिक गिरोह बनाकर पीएसीएल और पीजीएफ लिमिटेड के स्वामित्व की भूमि को खुर्द-बुर्द की जा रही है. इस सम्बन्ध में अन्य तथ्यों की सत्यता के लिये जांच करने के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया.
पुलिस को मामले की जांच में पता चला कि पीएसीएल और पीजीएफ के स्वामित्व की भूमि के सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एक विशेष कमेटी गठित की गयी है. इस संबंध में निर्णय लेने के सभी अधिकार विशेष कमेटी को ही है. यह भी जानकारी मिली कि कमेटी द्वारा किसी भी सिकंदर सिंह के नाम कोई भी भूमि के संबंध में बेचने का अधिकार नहीं दिया गया है. पुलिस ने विवेचना के दौरान पाया कि पॉवर ऑफ अटॉर्नी में सिकंदर सिंह का आधार कार्ड फर्जी पाया गया. इसके द्वारा अमित, अंकित वर्मा और विजय कुमार को पीएसीएल और पीजीएफ के स्वामित्व की भूमि की पॉवर ऑफ अटॉर्नी किया गया है. जिसमें विक्रांत चौरसिया और प्रकाश सिंह गवाह हैं.