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Unempolyed Protest: एक पोस्ट से देहरादून की सड़कों पर खड़ा हो गया बवाल, रातों-रात सैकड़ों बेरोजगार राजधानी में जुटे

गुरुवार को देहरादून में हुए छात्र आंदोलन के पीछे एक सोशल मीडिया का डाला गया पोस्ट को बताया जा रहा है. आधी रात पुलिस द्वारा जबरन धरना स्थल से हटाए जाने के बाद उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने एक फेसबुक पोस्ट डाला, जिसकी वजह से सुबह हजारों की संख्या में बेरोजगार युवा राजधानी की सड़कों पर उतर आये.

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Published : Feb 10, 2023, 9:27 PM IST

Updated : Feb 10, 2023, 10:55 PM IST

एक पोस्ट से देहरादून की सड़कों पर खड़ा हो गया बवाल

देहरादून:राजधानी की सड़कों पर बुधवार दोपहर जो कुछ भी हुआ, वह शायद पहले कभी नहीं हुआ. प्रदेश में लगातार हो रहे भर्ती घोटाले और पेपर लीक से बेरोजगार युवा अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. जिसकी वजह से कल देहरादून की सड़कों पर बेरोजगार युवाओं का सैलाब उमड़ पड़ा. जिसे संभालने में पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए. वहीं, भीड़ को बेकाबू होता देख पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया. जिसके जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, लेकिन देहरादून में हुए इस उग्र आंदोलन के पीछे बस एक सोशल मीडिया पोस्ट का खेल है. जिसकी भनक न तो पुलिस प्रशासन और न ही खुफिया तंत्र को थी.

लाठीचार्ज का जवाब पथराव: कल देहरादून की सड़कों पर बेरोजगार छात्रों ने जिस तरह से पुलिस की लाठीचार्ज का जवाब पत्थरबाजी दिया और उग्र आंदोलन किया, उससे यह बात तो साफ है कि सरकार को छात्रों के गुस्से को सही से भाप नहीं पाई. राजधानी की मुख्य सड़क घंटाघर से लेकर राजपुर रोड पर जो कुछ भी हुआ, वह न तो छात्रों के पक्ष में गया और न ही सरकार के फेवर में. इतना जरूर है कि पुलिस प्रशासन की एक छोटी सी लापरवाही ने शांति से चल रहे आंदोलन को इतना उग्र कर दिया.

आधी रात आंदोलनकारी को उठाया: ऐसे सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब आंदोलनकारी छात्र शांतिपूर्वक तरीके से देहरादून के गांधी पार्क में धरना दे रहे थे तो, आधी रात को क्यों उन्हें जबरन उठाया गया. सरकार को यह समझना होगा कि यह पूरा आंदोलन मात्र एक एसएमएस या यह सोशल मीडिया पर की गई एक पोस्ट के बाद खड़ा हो गया. अब सरकार भले ही छात्रों से शांति की अपील कर रही हो, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पुलिस ने जिस तरह से देर रात और दिन में कार्रवाई की, उससे कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.
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एक पोस्ट से खड़ा हो गया आंदोलन: पटवारी पेपर लीक का मामला हो या अन्य भर्ती घोटाला मामला. इन धांधली और घोटालों से उत्तराखंड के युवा खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. यही वजह है कि अब प्रदेश के बेरोजगार युवाओं का सब्र का बांध टूट रहा है. इसी का नतीजा है कि राजधानी की सड़कों पर हजारों की तादाद में छात्र इकट्ठा हुए. वहीं, युवाओं के इस आंदोलन के पीछे मात्र एक फेसबुक पोस्ट है. मंगलवार आधी रात के बाद पुलिस ने आंदोलनकारियों को गांधी पार्क से जबरदस्ती उठाकर धरना खत्म कराने की कोशिश की.

एक पोस्ट से खड़ा हो गया आंदोलन: जिससे नाराज बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर एक संदेश साझा किया. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि जबरदस्ती धरना प्रदर्शन खत्म कराने के बाद पुलिस और सरकार लगातार छात्रों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. बॉबी पवार के इस पोस्ट के बाद सुबह होते ही देहरादून की सड़कों पर अलग-अलग जगहों से हजारों छात्र का सैलाब उमड़ना शुरू हो गया.

पुलिस प्रशासन और खुफिया तंत्र हुआ फेल: हैरानी की बात यह है कि पुलिस प्रशासन और खुफिया तंत्र को इस बात की भनक नहीं लगी कि राजधानी के मुख्य चौराहे पर इतनी भारी तादाद में छात्र पहुंचने शुरू हो गए हैं. इसका नतीजा यह रहा कि जैसे ही पुलिस ने छात्रों के ऊपर लाठियां बरसाई. वैसे ही छात्रों का सब्र का बांध टूट गया. जवाबी कार्रवाई में छात्रों ने पत्थरबाजी की और गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की. फिलहाल इस कार्रवाई के बाद पुलिस ने परेड ग्राउंड और घंटाघर के आसपास धारा 144 लागू कर दी है.
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पहली बार दिखा इतना उग्र आंदोलन: वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा का कहना है कि देहरादून में इतने शॉर्ट टाइम में इतना बड़ा आंदोलन आज से पहले कभी खड़ा नहीं हुआ. साथ ही पुलिस लाठीचार्ज के जवाबी कार्रवाई में भी उनपर पथराव हो ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. इस घटना को देखते हुए सरकार और अधिकारियों को समय रहते बेरोजगार छात्रों की समस्या का समाधान करना होगा. अभी तक सरकार नकल माफियाओं भर्ती घोटाले वालों के लिए ही प्लान तैयार कर रही है.

भविष्य को लेकर अभ्यर्थी चिंतित: बेरोजगार युवा जानते हैं कि अगर उम्र निकली उसके बाद यह भर्तियां और यह नौकरी उनके काम की नहीं रहेगी. छात्रों ने जो कुछ भी किया वह किसी भी तरीके से सही नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन इंतजार की भी एक सीमा होती है. लगातार उत्तराखंड में एक के बाद एक भर्ती घोटाले और नेगेटिव खबरों के बीच छात्रों का इस तरह से रूद्र रूप धारण करना स्वभाविक था. सरकार पहले ही धरने पर क्यों नहीं पहुंच गई ?

प्रदेश भर से छात्र हुए इकट्ठा: इस आंदोलन में सिर्फ देहरादून के ही छात्र शामिल नहीं हुए, बल्कि टिहरी गढ़वाल, हरिद्वार, कोटद्वार, ऋषिकेश और आसपास के इलाकों से भी छात्र देर रात ही देहरादून के लिए रवाना हो गए थे. बेरोजगार संघ के बैनर तले राजधानी देहरादून में उमड़ी छात्रों की भीड़ की जानकारी खुफिया तंत्र को भी कैसे नहीं मिली, इस बात की भी जांच की जा रही है. दरअसल यह छात्र अब भर्ती आयोग पर भी विश्वास नहीं कर पा रहे हैं.

आंदोलन के बाद छात्रों को समझाने में लगी सरकार: अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में गड़बड़ी का मामला हो या बार-बार सरकार द्वारा आश्वासन देने के बाद भी कोई हल न निकल पाना, छात्रों और बेरोजगारों की गुस्से की वजह बन रहा है. देहरादून की सड़कों पर हुए इस उपद्रव के बाद पूरी सरकार मुख्यमंत्री के साथ छात्रों को समझाने में लग गई, लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि अगर मुख्यमंत्री और सरकार के मंत्रियों ने समय रहते धरना स्थल पर पहुंचकर छात्रों की बातों को सुन लिया होता तो, आज आंदोलन इतना बड़ा ना होता.
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छात्र आंदोलन के बहाने कांग्रेस की राजनीति: सरकार और प्रशासन भले ही बेरोजगार संघ के बैनर तले खड़े हुए आंदोलन को समझने में नाकामयाब रहा हो, लेकिन अब विपक्षी पार्टी इस आंदोलन के बहाने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में जुट गई है. कल दिन में जिस तरह से प्रदर्शनकारियों ने देहरादून की सड़कों पर अपना आक्रामक रूप दिखाया, उसकी आड़ में कांग्रेस अब बीजेपी को घेरने की पूरी तैयारी कर रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा बेरोजगार युवाओं के साथ हो रहे छलावे के विरोध में ना केवल पुलिस के खिलाफ लगातार प्रदर्शन किया जाएगा, बल्कि बेरोजगार युवाओं के हर आंदोलन में कांग्रेस उनके साथ खड़ी नजर आएगी.

CBI जांच से भाग रही सरकार: करन माहरा का कहना है कि सरकार सिर्फ और सिर्फ बयानबाजी तक ही सीमित है. जबकि बेरोजगार युवा लगातार भर्ती घोटाले और पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. ऐसे में सीबीआई जांच से ही छात्रों को शांत किया जा सकता है, लेकिन सरकार को मालूम है कि अगर सीबीआई जांच हुई तो सरकार और प्रशासन के कई बड़े अधिकारी इस दायरे में आ जाएंगे. जिससे सरकार का पूरी तरह से पर्दाफाश हो जाएगा.

बीजेपी ने कांग्रेस के सिर फोड़ा ठीकरा:भाजपा बेरोजगारों के इस प्रदर्शन को कांग्रेस की चाल बता रही है. बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान का आरोप है कि देहरादून की सड़कों पर जो भी हुआ वह विपक्ष की रणनीति और प्लानिंग के तहत हुआ है. नहीं तो इस तरह का प्रदर्शन उत्तराखंड के युवा ने आज तक कभी नहीं किया है. बेरोजगार युवकों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर भरोसा करना चाहिए. सरकार किसी के साथ भी अन्याय नहीं होने देगी. वहीं, बीजेपी के कई नेता भी इस प्रोटेस्ट के पीछे कांग्रेस का हाथ बता रहे हैं.

प्रशासन की लापरवाही का नतीजा आंदोलन:देहरादून में हुए इस उग्र आंदोलन में जितनी गलती बेरोजगार युवको की है, उससे अधिक गलती प्रशासन की भी है. उन्होंने मौके की नजाकत को नहीं समझा और आवेश में आकर लाठीचार्ज कर दिया. अब सरकार ने इस लाठीचार्ज और पथराव की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. वहीं, एसीएस राधा रतूड़ी से मुलाकात के बाद बेरोजगार संघ के लोगों का क्या रुख होगा ? ये आने वाले समय में ही पता चलेगा.

Last Updated : Feb 10, 2023, 10:55 PM IST

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