देहरादून:राजधानी की सड़कों पर बुधवार दोपहर जो कुछ भी हुआ, वह शायद पहले कभी नहीं हुआ. प्रदेश में लगातार हो रहे भर्ती घोटाले और पेपर लीक से बेरोजगार युवा अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. जिसकी वजह से कल देहरादून की सड़कों पर बेरोजगार युवाओं का सैलाब उमड़ पड़ा. जिसे संभालने में पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए. वहीं, भीड़ को बेकाबू होता देख पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया. जिसके जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, लेकिन देहरादून में हुए इस उग्र आंदोलन के पीछे बस एक सोशल मीडिया पोस्ट का खेल है. जिसकी भनक न तो पुलिस प्रशासन और न ही खुफिया तंत्र को थी.
लाठीचार्ज का जवाब पथराव: कल देहरादून की सड़कों पर बेरोजगार छात्रों ने जिस तरह से पुलिस की लाठीचार्ज का जवाब पत्थरबाजी दिया और उग्र आंदोलन किया, उससे यह बात तो साफ है कि सरकार को छात्रों के गुस्से को सही से भाप नहीं पाई. राजधानी की मुख्य सड़क घंटाघर से लेकर राजपुर रोड पर जो कुछ भी हुआ, वह न तो छात्रों के पक्ष में गया और न ही सरकार के फेवर में. इतना जरूर है कि पुलिस प्रशासन की एक छोटी सी लापरवाही ने शांति से चल रहे आंदोलन को इतना उग्र कर दिया.
आधी रात आंदोलनकारी को उठाया: ऐसे सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब आंदोलनकारी छात्र शांतिपूर्वक तरीके से देहरादून के गांधी पार्क में धरना दे रहे थे तो, आधी रात को क्यों उन्हें जबरन उठाया गया. सरकार को यह समझना होगा कि यह पूरा आंदोलन मात्र एक एसएमएस या यह सोशल मीडिया पर की गई एक पोस्ट के बाद खड़ा हो गया. अब सरकार भले ही छात्रों से शांति की अपील कर रही हो, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पुलिस ने जिस तरह से देर रात और दिन में कार्रवाई की, उससे कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.
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एक पोस्ट से खड़ा हो गया आंदोलन: पटवारी पेपर लीक का मामला हो या अन्य भर्ती घोटाला मामला. इन धांधली और घोटालों से उत्तराखंड के युवा खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. यही वजह है कि अब प्रदेश के बेरोजगार युवाओं का सब्र का बांध टूट रहा है. इसी का नतीजा है कि राजधानी की सड़कों पर हजारों की तादाद में छात्र इकट्ठा हुए. वहीं, युवाओं के इस आंदोलन के पीछे मात्र एक फेसबुक पोस्ट है. मंगलवार आधी रात के बाद पुलिस ने आंदोलनकारियों को गांधी पार्क से जबरदस्ती उठाकर धरना खत्म कराने की कोशिश की.
एक पोस्ट से खड़ा हो गया आंदोलन: जिससे नाराज बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर एक संदेश साझा किया. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि जबरदस्ती धरना प्रदर्शन खत्म कराने के बाद पुलिस और सरकार लगातार छात्रों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. बॉबी पवार के इस पोस्ट के बाद सुबह होते ही देहरादून की सड़कों पर अलग-अलग जगहों से हजारों छात्र का सैलाब उमड़ना शुरू हो गया.
पुलिस प्रशासन और खुफिया तंत्र हुआ फेल: हैरानी की बात यह है कि पुलिस प्रशासन और खुफिया तंत्र को इस बात की भनक नहीं लगी कि राजधानी के मुख्य चौराहे पर इतनी भारी तादाद में छात्र पहुंचने शुरू हो गए हैं. इसका नतीजा यह रहा कि जैसे ही पुलिस ने छात्रों के ऊपर लाठियां बरसाई. वैसे ही छात्रों का सब्र का बांध टूट गया. जवाबी कार्रवाई में छात्रों ने पत्थरबाजी की और गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की. फिलहाल इस कार्रवाई के बाद पुलिस ने परेड ग्राउंड और घंटाघर के आसपास धारा 144 लागू कर दी है.
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पहली बार दिखा इतना उग्र आंदोलन: वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा का कहना है कि देहरादून में इतने शॉर्ट टाइम में इतना बड़ा आंदोलन आज से पहले कभी खड़ा नहीं हुआ. साथ ही पुलिस लाठीचार्ज के जवाबी कार्रवाई में भी उनपर पथराव हो ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. इस घटना को देखते हुए सरकार और अधिकारियों को समय रहते बेरोजगार छात्रों की समस्या का समाधान करना होगा. अभी तक सरकार नकल माफियाओं भर्ती घोटाले वालों के लिए ही प्लान तैयार कर रही है.