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कोरोना ने बदली अर्चित की जिंदगी, चोरी की सजा काटने वाला अब बनेगा वकील

देहरादून के अर्चित की जिंदगी कोरोना ने बदल दी. चोरी के मामले में सजा काट रहे अर्चित को कोरोना काल में पैरोल पर छोड़ा गया. जिसके बाद उसने रायपुर पुलिस के सहयोग से लोगों की भरपूर मदद की. अपने अच्छे व्यवहार की वजह से अर्चित की तीन माह की सजा को माफ कर दिया गया है. साथ ही वह पुलिस की शरण में रहकर वकालत की पढ़ाई कर रहा है.

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कोरोना ने बदली अर्चित की जिंदगी

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Published : Sep 10, 2020, 1:58 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 2:51 PM IST

देहरादून: कोरोना काल में हर वर्ग, हर तबके की जिंदगी बदल गई. कोरोना वायरस की वजह से लोगों की दिनचर्या से लेकर आर्थिक स्थिति तक में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. वहीं, लॉकडाउन की वजह से कई लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं. इन सबके बीच देहरादून से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे पढ़ने के बाद आप भी शायद चौक जाएंगे.

कोरोना ने बदली अर्चित की जिंदगी

आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे शख्स की जो लॉकडाउन से पहले नशे की लत की वजह से चोरी करने के जुर्म में सजा काट रहा था. लेकिन आप शायद यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि चोरी की सजा काटने वाला अर्चित इन दिनों वकालत की पढ़ाई कर रहा है. उसके अच्छे बर्ताव के चलते पुलिसकर्मी भी उसकी हर संभव मदद करने को तत्पर हैं. पुलिसकर्मी चाहते हैं कि वह सही से पढ़कर बड़ा वकील बने.

स्मैक का लती होकर मौसी के घर में कर दी चोरी

कोरोना महामारी के दौरान कोर्ट के आदेश के बाद करीब 700 कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था, जिसमें से एक कैदी अर्चित शर्मा भी था. दरअसल 12वीं पास अर्चित देहरादून में अपनी मौसी के घर रहता था. पिछले कुछ समय से वह स्मैक के नशे का आदी हो गया था. नशे के लिए पैसे नहीं मिले तो उसने मौसी के घर में ही चोरी की. पुलिस ने जब मामले की जांच की तो अर्चित पकड़ में आ गया. अदालत से उसे एक साल कैद की सजा सुनाई. वहीं, करीब 700 कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया और सभी कैदी अपने घर चले गये, लेकिन अर्चित को घरवालों ने घर आने से मना कर दिया.

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चोरी के जुर्म में हुई थी एक साल की सजा

अर्चित का कहना है कि मुझे एक साल की सजा हुई थी. उसमें से तीन महीने की सजा माफ कर दी गई है. जिसकी मुझे बहुत खुशी है. जब कोरोना काल चल रहा था तो हम लोगों को छह महीने का पैरोल मिला था. जब हम पैरोल पर बाहर आये तो घरवालों ने रखने से मना कर दिया. फिर मैं रायपुर थाना आया और मुझे यहीं पर थाना प्रभारी ने शरण दी. उसके बाद मैंने लॉकडाउन के दौरान पुलिस के साथ मिलकर लोगों को राशन और भोजन दिन-रात बांटा. जिस कारण लोगों को अच्छा लगा, अब मेरी 3 महीने की सजा माफ हो गई है. पुलिस मेरी बहुत मदद कर रही है. पुलिस ने कहा है कि पढ़ाई का सारा जिम्मा उठाएगी और मुझे वकालत की पढ़ाई करनी है.

अर्चित को पुलिस दिला रही है कानून की शिक्षा

रायपुर थाना प्रभारी अमरजीत सिंह का कहना है कि कोरोना काल से लेकर अभी तक अर्चित पुलिस की शरण में है. इस दौरान वह पुलिस के साथ मिलकर कोरोना काल में लोगों की मदद कर रहा है. कोरोना काल के दौरान जब उसे घरवालों ने घर नहीं आने दिया तो उसके द्वारा पुलिस के साथ मिलकर लोगों की मदद करने की बात कही गई. इसके साथ ही आगे अब पढ़ाई में भी पुलिस के द्वारा उसको सहयोग किया जायेगा.

Last Updated : Sep 10, 2020, 2:51 PM IST

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