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गढ़वाली, कुमाउंनी और जौनसारी बोलियों का होगा संरक्षण, जल्द गठित होगी समिति - गढ़वाली का संरक्षण

प्रेमचंद अग्रवाल ने घोषणा की कि बोली और भाषा के संरक्षण के लिए विधानसभा में समिति गठित की जाएगी. जिसमें जौनसारी, कुमाउंनी और गढ़वाली बोली का संरक्षण और उन्नयन के लिए कार्य किया जाएगा.

प्रेमचंद अग्रवाल
प्रेमचंद अग्रवाल

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Published : Aug 18, 2020, 8:58 PM IST

Updated : Aug 18, 2020, 9:18 PM IST

देहरादून:विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने मंगलवार को विधानसभा में उत्तराखंड राज्य आंदोलन के पूरा नेता प्रणिता स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर विस अध्यक्ष ने घोषणा करते हुए कहा कि बोली और भाषा के संरक्षण के लिए विधानसभा में समिति गठित की जाएगी. जिसमें जौनसारी, कुमाउंनी और गढ़वाली बोली का संरक्षण और उन्नयन के लिए कार्य किया जाएगा.

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी का योगदान इस राज्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है. उन्होंने कहा कि उनके विचार आज भी राज्य के विकास के लिए प्रासंगिक हैं. अग्रवाल ने कहा कि हमारी बोलियां विलुप्त हो रही है. इसलिए विधानसभा की अन्य समितियों की तरह गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी बोली भाषा उन्नयन समिति का गठन किया जाएगा.

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आपको बता दें कि बोली भाषा को बढ़ावा देने के लिए विगत दिनों विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने जौनसारी कुमाऊंनी और गढ़वाली बोली में कोरोनावायरस एक महामारी के प्रभाव के कारण वापस अपने गांव में लौटे रहे प्रवासियों के नाम पर एक पत्र लिखा था. वहीं, उनकी इस पहल कि हर किसी ने सराहना की थीय

ऐसे में मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा परिसर में गढ़वाली कुमाऊंनी और जौनसारी भाषा और संस्कृति को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विधायकों की उपस्थिति में लोक कलाकारों के माध्यम एक कार्यक्रम का आयोजन करने की बात कही है.

Last Updated : Aug 18, 2020, 9:18 PM IST

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